(अपडेट) ऑर्कला इंडिया ने आईपीओ निवेशकों को दिया झटका, मामूली बढ़त के साथ लिस्ट होने के बाद फिसले शेयर

युगवार्ता    06-Nov-2025
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आर्कला इंडिया के शेयर मामूली बढ़त के साथ लिस्ट होने के बाद फिसले


नई दिल्ली, 6 नवंबर (हि.स.)। फूड इंडस्ट्री में कारोबार करने वाली कंपनी ऑर्कला इंडिया के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में बढ़त के साथ एंट्री की। हालांकि लिस्टिंग के थोड़ी देर बाद ही बिकवाली के दबाव में कंपनी के शेयर गिर कर लाल निशान में पहुंच गए।

आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 730 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई पर इसकी लिस्टिंग करीब 2 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 751.50 रुपये के स्तर पर और एनएसई पर 750.10 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद कंपनी के आईपीओ निवेशकों को तब झटका लगा, जब इन शेयरों में बिकवाली का दबाव बन गया। पूरे दिन के कारोबार के बाद कंपनी के शेयर 713.65 रुपये के स्तर पर बंद हुए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 2.24 प्रतिशत का नुकसान हो गया।

ऑर्कला इंडिया का 1,667.54 करोड़ रुपये का आईपीओ 29 से 31 अक्टूबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल होने के बावजूद इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से शानदार रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 48.74 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 117.63 गुना सब्सक्राइब हुआ था।

वहीं, नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 54.42 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 7.06 गुना और एंप्लॉयीज के लिए रिजर्व पोर्शन 15.12 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इस आईपीओ के तहत 1 रुपये फेस वैल्यू वाले 2,28,43,004 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये जारी किए गए हैं।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत में उतार-चढ़ाव होता रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 339.13 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में घट कर 226.33 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 255.69 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की राजस्व प्राप्ति में लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 में इसे 2,201.44 करोड़ का कुल राजस्व प्राप्त हुआ, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 2,387.99 करोड़ और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 2,455.24 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 में कंपनी को 78.92 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ। इसी तरह इस अवधि में कंपनी को 605.38 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।

इस अवधि में कंपनी के कर्ज में गिरावट आई। वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में कंपनी पर 34.99 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में घट कर 3.77 करोड़ रुपये रह गया। इसके अगले वित्त वर्ष यानी 2024-25 के अंत में कंपनी पर कोई कर्ज नहीं था। हालांकि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 की बात करें, तो इस दौरान कंपनी पर लदे कर्ज का बोझ 2.33 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया।

इस दौरान कंपनी के रिजर्व और सरप्लस में भी उतार-चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 में ये 2,227.28 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में बढ़ कर 2,793.35 करोड़ रुपये हो गया। इसके बाद 2024-25 में कंपनी का रिजर्व और सरप्लस घट कर 2,445.80 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं, मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 तक ये 2,523.56 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इसी तरह ईबीआईटीडीए (अर्निंग बिफोर इंट्रेस्ट, टैक्सेज, डिप्रेशिएशंस एंड एमॉर्टाइजेशन) 2022-23 में 312.44 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में बढ़ कर 343.61 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह 2024-25 में कंपनी का ईबीआईटीडीए 396.44 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं, मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 तक ये 111.75 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

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