सेफक्योर की स्टॉक मार्केट में जोरदार गिरावट के साथ एंट्री, कमजोर लिस्टिंग के बाद लगा लोअर सर्किट

युगवार्ता    06-Nov-2025
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सेफक्योर की कमजोर लिस्टिंग के बाद लगा लोअर सर्किट


नई दिल्ली, 6 नवंबर (हि.स.)। सिक्योरिटी और फैसिलिटी मैनेजमेंट कंपनी सेफक्योर सर्विसेज के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में जोरदार गिरावट के साथ एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को करारा झटका दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 102 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 20 प्रतिशत के जबरदस्त डिस्काउंट के साथ 81.60 रुपये के स्तर पर हुई। कमजोर लिस्टिंग के बाद बिकवाली शुरू हो गई, जिसके कारण थोड़ी देर बाद ही कंपनी के शेयर गिर कर 77.55 रुपये के लोअर सर्किट लेवल पर पहुंच गए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 23.97 प्रतिशत का नुकसान हो गया।

सेफक्योर सर्विसेज का 30.60 करोड़ रुपये का आईपीओ 29 से 31 अक्टूबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से भी फीका रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 1.81 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इनमें नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में सिर्फ 0.32 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। हालांकि रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 3.31 गुना सब्सक्राइब हो गया था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 30 लाख नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपने पुराने कर्ज के बोझ को हल्का करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास जमा कराए गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 3.98 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 5.69 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 6.16 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 23 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 73.27 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इस दौरान कंपनी पर कर्ज में भी लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 32.21 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में बढ़ कर 32.41 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज उछल कर 53.70 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 36.05 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 39.46 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 67.56 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 की बात करें तो पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 में कंपनी को 1.99 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हो चुका है। इसी तरह इस अवधि में कंपनी को 18.36 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हो चुका है। जून को खत्म हुई पहली तिमाही के अंत में कंपनी पर 19.52 करोड़ का टोटल कर्ज था, जबकि रिजर्व और सरप्लस के रूप में कंपनी के पास 16.17 करोड़ रुपये पड़े थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

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