
पटना, 7 नवंबर (हि.स.)। कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में हुए बंपर मतदान को बदलाव का संकेत बताया है। शुक्रवार को राजधानी पटना में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने बिहार में पहले चरण के मतदान के बाद कहा कि बिहार की जनता अब निर्णायक बदलाव के मूड में है।
राजीव शुक्ला ने कहा कि 64 प्रतिशत से अधिक मतदान का मतलब स्पष्ट संकेत है कि जनता ने सत्ता परिवर्तन का मन बना लिया है। इतिहास गवाह है कि जब-जब अधिक मतदान हुआ है, वह हमेशा बदलाव का संकेत रहा है। जनता इस बार विकास, रोजगार और ईमानदारी के पक्ष में खड़ी है। उन्होंने कहा कि जनता ने ईवीएम का बटन दबाया है और सत्ता की कुर्सी तक कंपन पहुंच चुकी है।
राजीव शुक्ला ने बताया कि कांग्रेस और महागठबंधन की जमीनी रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के 15 में से 12 मंत्री अपनी सीटें हार रहे हैं, जिनमें दोनों उपमुख्यमंत्री भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं, जनता की नाराज़गी का प्रमाण है। जब सत्ता के शीर्ष चेहरे अपनी सीटों पर संघर्ष करते दिखें, तो समझिए जनता ने बदलाव का मन बना लिया है।
सांसद शुक्ला ने कहा कि ज्यादा मतदान राजग के लिए सबसे घातक संकेत है, क्योंकि यह साफ दर्शाता है कि जनता अब मौजूदा व्यवस्था से ऊब चुकी है और परिवर्तन चाहती है। भाजपा और जदयू के संबंधों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने नीतीश कुमार को किनारे लगाने की पूरी तैयारी कर ली है। गृह मंत्री अमित शाह ने खुद कहा कि चुनाव के बाद विधायक तय करेंगे कि मुख्यमंत्री कौन होगा। इसका मतलब है कि भाजपा ने पहले ही नीतीश जी को दरकिनार करने का मन बना लिया है।
राजीव शुक्ला ने व्यंग्य किया कि भाजपा की यह पुरानी आदत है। कंधे पर चढ़कर सत्ता में आना और फिर उसी कंधे को गिरा देना। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, मणिपुर और झारखंड की तरह अब वही कहानी बिहार में भी दोहराई जाने वाली है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार झूठे वादों और खोखले भाषणों की सरकार बनकर रह गई है। भाजपा के नेताओं ने कहा था कि 2022 तक हर घर पक्का होगा, कोई झोपड़ी नहीं रहेगी, लेकिन आज भी गांवों में कच्चे मकान और टूटी झोपड़ियां दिखती हैं। उन्होंने कहा था हर साल दो करोड़ नौकरियां देंगे। अब तक 22 करोड़ नौकरियां मिल जानी चाहिए थीं, पर 22 लाख भी नहीं मिलीं हैं।
राजीव शुक्ला ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग की भूमिका अब संदेह के घेरे में है। अगर किसी नागरिक को भी चुनाव प्रक्रिया पर संदेह है, तो चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि वह उस संदेह को दूर करे, लेकिन आज भाजपा के प्रवक्ता आयोग की ओर से जवाब दे रहे हैं। यह लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
उन्होंने कहा कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जो सीटें दबाव डालकर हरवाई गईं थीं, वैसी कोशिशें दोबारा न हों, इसके लिए जनता और मीडिया को सतर्क रहना होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / चंदा कुमारी