क्यूरिस लाइफसाइंसेज का आईपीओ खुला, 14 नवंबर को होगी लिस्टिंग

युगवार्ता    07-Nov-2025
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क्यूरिस लाइफसाइंसेज का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुला


नई दिल्ली, 7 नवंबर (हि.स.)। फार्मास्यूटिकल कंपनी क्यूरिस लाइफसाइंसेज लिमिटेड का 27.52 करोड़ रुपये का आईपीओ आज सब्सक्रिप्शन के लिए लॉन्च कर दिया गया। इस आईपीओ में 11 नवंबर तक बोली लगाई जा सकती है। इश्यू की क्लोजिंग के बाद 12 नवंबर को शेयरों का अलॉटमेंट किया जाएगा, जबकि 13 नवंबर को अलॉटेड शेयर डीमैट अकाउंट में क्रेडिट कर दिए जाएंगे। कंपनी के शेयर 14 नवंबर को एनएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर लिस्ट हो सकते हैं।

इस आईपीओ में बोली लगाने के लिए 120 रुपये से लेकर 128 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है, जबकि लॉट साइज 1,000 शेयर का है। क्यूरिस लाइफसाइंसेज लिमिटेड के इस आईपीओ में रिटेल इनवेस्टर्स कम से कम 2 लॉट यानी 2,000 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं, जिसके लिए उन्हें 2,56,000 रुपये का निवेश करना होगा। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले कुल 21,50,000 शेयर जारी हो रहे हैं।

आईपीओ खुलने से एक कारोबारी दिन पहले 6 नवंबर को क्यूरिस लाइफसाइंसेज लिमिटेड ने 6 एंकर इनवेस्टर्स से 7.8 करोड़ रुपये जुटाए। इन एंकर इनवेस्टर्स में सांशी फंड सबसे बड़ा इनवेस्टर रहा। इसने कंपनी से 1,57,000 शेयर खरीदे। इसके अलावा, मैक ग्रोथ स्कीम, स्ट्रैटेजिक सिक्स्थ सेंस कैपिटल फंड, विनेय ग्रोथ फंड, जेटा ग्लोबल फंड और मनीवाइज फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड जैसे प्रमुख नाम भी एंकर बुक में शामिल हुए हैं।

इस आईपीओ में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए 47.37 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व किया गया है। इसके अलावा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए 33.29 प्रतिशत हिस्सा, नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (एनआईआई) के लिए 14.32 प्रतिशत हिस्सा और मार्केट मेकर के लिए 5.02 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व है। इस इश्यू के लिए फिनैक्स कैपिटल एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड को बुक रनिंग लीड मैनेजर बनाया गया है। वहीं, एमयूजीएफ इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को रजिस्ट्रार बनाया गया है। जबकि आरएस वेल्थ मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का मार्केट मेकर है।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास जमा कराए गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 1.88 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 4.87 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 6.11 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई 2025 में कंपनी को 2.87 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हो चुका है।

इस दौरान कंपनी की राजस्व प्राप्ति में उतार-चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 में इसे 36.42 करोड़ का कुल राजस्व प्राप्त हुआ, जो वित्त वर्ष 2023-24 में घट कर 35.87 करोड़ और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 49.65 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई 2025 में कंपनी को 19.51 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है।

इस अवधि में कंपनी के कर्ज के बोझ में भी उतार-चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में कंपनी पर 16.19 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 17.09 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 में फिसल कर 15.62 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई 2025 की बात करें तो इस दौरान कंपनी पर लदे कर्ज का बोझ 15.32 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया।

इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस में भी बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 में ये 51 लाख रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में बढ़ कर 5.37 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह 2024-25 में कंपनी का रिजर्व और सरप्लस 10.29 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं, मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई 2025 तक ये 13.16 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इसी तरह ईबीआईटीडीए (अर्निंग बिफोर इंट्रेस्ट, टैक्सेज, डिप्रेशिएशंस एंड एमॉर्टाइजेशन) 2022-23 में 3.28 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में बढ़ कर 8.39 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह 2024-25 में कंपनी का ईबीआईटीडीए 9.54 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई 2025 तक ये 4.24 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

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