स्टॉक मार्केट में स्टड्स की फीकी एंट्री, लिस्टिंग के साथ आईपीओ निवेशकों को नुकसान

युगवार्ता    07-Nov-2025
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स्टड्स की फीकी लिस्टिंग से आईपीओ निवेशकों को हुआ नुकसान


नई दिल्ली, 7 नवंबर (हि.स.)। हेलमेट बनाने वाली कंपनी स्टड्स एसेसरीज के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में फीकी एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को निराश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 585 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई पर इसकी लिस्टिंग करीब 3 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 570 रुपये के स्तर पर और एनएसई पर 565 रुपये के स्तर पर हुई। कमजोर लिस्टिंग के बाद मामूली लिवाली के सपोर्ट से इस शेयर की चाल में थोड़ी तेजी जरूर आई, इसके बावजूद आईपीओ निवेशकों के नुकसान की भरपाई नहीं हो सकी। सुबह 10:30 बजे तक का कारोबार होने के बाद कंपनी के शेयर 574.60 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे। इस तरह अभी तक के कारोबार के बाद कंपनी के आईपीओ निवेशक 1.78 प्रतिशत के नुकसान में थे।

स्टड्स एसेसरीज का 455.49 करोड़ रुपये का आईपीओ 30 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से शानदार रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 73.25 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 159.99 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं, नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 76.99 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 22.08 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इस आईपीओ के तहत 5 रुपये फेस वैल्यू वाले 77,86,120 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये जारी किए गए हैं।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास जमा कराए गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 33.15 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 57.23 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 69.64 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 11 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 595.89 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 की बात करें तो पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 में कंपनी को 20.25 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हो चुका है। इसी तरह इस अवधि में कंपनी को 152.01 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हो चुका है।

इस दौरान कंपनी पर लदे कर्ज के बोझ में उतार-चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 30.58 करोड़ रुपये, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में कम होकर 61 लाख रुपये हो गया। हालांकि तरह वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज बढ़ कर 2.91 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 में कंपनी पर कर्ज का बोझ 2.91 करोड़ रुपये के स्तर पर ही है।

इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 328.18 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 377.57 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 429.80 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 में रिजर्व और सरप्लस 450.09 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

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