मध्य प्रदेश पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान में मिल रही सफलता

युगवार्ता    07-Nov-2025
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नक्सलियों से मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से बरामद सामग्री


- नक्सलियों से हुई मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से रायफल, पिट्टू बैग, टेंट सामग्री, इंजेक्शन और मेडिसिन बरामद

भोपाल, 07 नवंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान में लगातार सफलताएं मिल रही हैं। इसी क्रम में गत 03-04 नवंबर की मध्य रात्रि के दौरान बालाघाट जिले के थाना रुपझर क्षेत्र में नक्सलियों की सक्रियता संबंधी गुप्त सूचना प्राप्त होने पर हॉकफोर्स, सीआरपीएफ, कोबरा तथा स्थानीय पुलिस थानों और चौकियों के बल द्वारा एम.एम.सी.(मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़) जोन के जीआरबी (गोंदिया-राजनांदगांव-बालाघाट) डिवीजन के घने जंगलों में सर्च अभियान संचालित किया गया।

पुलिस मुख्यालय द्वारा शुक्रवार को जानकारी दी गई कि सर्चिंग के दौरान पुलिस बल की मौजूदगी का पता लगने पर सशस्त्र माओवादी समूह ने पुलिस पार्टी पर जान से मारने की नीयत से फायरिंग प्रारंभ कर दी। सुरक्षा बलों ने आत्मरक्षा में संयमित और प्रभावी जवाबी कार्रवाई की। कुछ समय तक चली मुठभेड़ के उपरांत नक्सली जंगल के भीतर की दिशा में भाग निकले। घटनास्थल पर की गई सघन सर्चिंग में एक नक्सली रायफल, दैनिक उपयोग की वस्तुओं से भरा पिट्टू बैग, पाँच बड़े थैले, टेंट बनाने का सामान, खून से सने जूते तथा दवाओं के रूप में उपयोग किए गए इंजेक्शन और मेडिसिन बरामद किए गए। घटनास्थल से प्राप्त खून सनी मिट्टी और अन्य साक्ष्यों से यह संकेत मिलता है कि मुठभेड़ में नक्सलियों को भारी नुकसान पहुँचा है।

पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि बरामद सामग्री से यह भी स्पष्ट होता है कि नक्सली समूह लंबे समय से क्षेत्र में सक्रिय था और जंगल में ही अस्थायी ठिकाने बनाकर रह रहा था। घटनास्थल से बरामद सभी वस्तुओं का विधिवत दस्तावेजीकरण कर आवश्यक जांच प्रारंभ कर दी गई है। फरार नक्सलियों की तलाश में हॉकफोर्स, सीआरपीएफ, कोबरा और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीमें निरंतर सघन सर्चिंग और कॉम्बिंग ऑपरेशन चला रही हैं। पूरे क्षेत्र में उच्च सतर्कता रखी गई है तथा किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

बढ़ती पुलिस सक्रियता से महिला नक्सली “सुनीता” का आत्मसमर्पण

गौरतलब है कि बालाघाट जिले में गत 01 नवंबर को थाना लांजी के चौरिया कैम्प अंतर्गत महिला नक्सली सुनीता पुत्री बिसरू ओयाम, निवासी गोमवेटा, तहसील भैरमगढ़, जिला बीजापुर (छत्तीसगढ़) ने शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं और भारत के संविधान पर विश्वास जताते हुए जिला पुलिस बालाघाट के समक्ष अपने हथियार इंसास राइफल, 3 मैगज़ीन, 30 जिंदा राउंड एवं शेल के साथ आत्मसमर्पण कर दिया था। नक्सली सुनीता मलाजखंड दर्रेकसा दलम में थी और मध्य प्रदेश, गोंदिया एवं राजनांदगांव (जीआरबी) डिविजन में सक्रिय थी। उसके विरुद्ध छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में कुल 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था। सुनीता वर्ष 2022 में माओवादी संगठन से जुड़ी थी तथा छत्तीसगढ़ के माड़ क्षेत्र में छह माह का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सीसी सदस्य रामदेर की गार्ड के रूप में कार्यरत रही। यह मध्य प्रदेश आत्मसमर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति 2023 के अंतर्गत पहला आत्मसमर्पण है।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा मार्च 2026 तक नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन का राष्ट्रीय लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी दिशा में मध्यप्रदेश पुलिस ने बालाघाट सहित अन्य नक्सल प्रभावित जिलों में सात दिन या उससे अधिक अवधि वाले कई सघन अभियानों के माध्यम से नक्सली नेटवर्क को लगातार कमजोर किया है। इन अभियानों ने स्थानीय समुदाय में सुरक्षा का विश्वास और विकास के प्रति नई आशा को सुदृढ़ किया है।

मध्य प्रदेश पुलिस नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन के लिए दृढ़ संकल्पित है। नक्सलवाद केवल कानून और व्यवस्था के लिए ही नहीं, बल्कि शांति, विकास और मानवीय मूल्यों के लिए भी गंभीर चुनौती है। अपने साहस, अनुशासन, तकनीकी दक्षता और जनसहयोग के बल पर मध्यप्रदेश पुलिस ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उल्लेखनीय नियंत्रण स्थापित किया है। यह सतत अभियान न केवल नक्सलवाद के विरुद्ध निर्णायक संघर्ष का प्रतीक है, बल्कि राज्य की जनता के प्रति पुलिस संगठन की अटूट प्रतिबद्धता का सशक्त प्रमाण भी है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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