
नई दिल्ली, 7 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू ) ने महिलाओं की सुरक्षा एवं शिकायत निवारण की प्रभावी व्यवस्था की समीक्षा और चर्चा के लिए शुक्रवार को गर्वी गुजारात में पुलिस महानिदेश और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन की अध्यक्षता राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने की। इसमें 29 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक में अध्यक्ष विजया रहाटकर ने
प्रवर्तन एजेंसियों, विधिक प्राधिकरणों और महिला सहायता संस्थानों के बीच बेहतर समन्वय पर जोर दिया ताकि न्याय वितरण प्रणाली अधिक उत्तरदायी और संवेदनशील बन सके।
इसके साथ महिला थानों और वन स्टॉप सेंटर्स को बेहतर अधोसंरचना, परामर्श और संसाधन सुविधाओं के माध्यम से सुदृढ़ करने पर विशेष बल दिया गया।
समुदाय स्तर पर हस्तक्षेप के लिए बाल विवाह निषेध अधिकारियों की भूमिका पर चर्चा की गई।
आयोग ने डीएसपी, एसीपी, एसएचओ, इंस्पेक्टर और महिला थाना प्रभारी के लिए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल प्रस्तावित किए, जिनमें भारतीय न्याय संहिता,
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता,
पोक्सो अधिनियम,मानव तस्करी विरोधी कानून, साइबर अपराध, जिसमें एआई जनित सामग्री, डीपफेक और डिजिटल उत्पीड़न शामिल हैं।
इसके साथ आयोग की अध्यक्ष ने पुलिस कार्यप्रणाली में उत्तरदायित्व और संवेदनशीलता सुनिश्चित करने हेतु नियमित जेंडर जस्टिस समीक्षा बैठकें आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने महिलाओं से संबंधित अपराधों में समयबद्ध एफआईआर दर्ज करने और पुलिस बल में महिलाओं की बढ़ी हुई भागीदारी की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
उन्होंने अनुसंधान आधारित और डेटा-आधारित पुलिसिंग की महत्ता पर प्रकाश डाला, ताकि महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के क्षेत्रीय रुझानों की पहचान कर लक्षित हस्तक्षेप योजनाएं तैयार की जा सकें।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी