
नई दिल्ली, 07 नवंबर (हि.स.)। हाई परफॉर्मेंस सॉलिड कार्बाइड कटिंग टूल्स का उत्पादन करने वाली कंपनी शाइनिंग टूल्स लिमिटेड का 17.10 करोड़ रुपये का आईपीओ आज सब्सक्रिप्शन के लिए लॉन्च कर दिया गया। इस आईपीओ में 11 नवंबर तक बोली लगाई जा सकती है। इश्यू की क्लोजिंग के बाद 12 नवंबर को शेयरों का अलॉटमेंट किया जाएगा, जबकि 13 नवंबर को अलॉटेड शेयर डीमैट अकाउंट में क्रेडिट कर दिए जाएंगे। कंपनी के शेयर 14 नवंबर को बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर लिस्ट हो सकते हैं।
इस आईपीओ में बोली लगाने के लिए 114 रुपये प्रति शेयर का मूल्य तय किया गया है, जबकि लॉट साइज 1,200 शेयर का है। शाइनिंग टूल्स लिमिटेड के इस आईपीओ में रिटेल इनवेस्टर्स कम से कम 2 लॉट यानी 2,400 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं, जिसके लिए उन्हें 2,73,600 रुपये का निवेश करना होगा। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले कुल 15 लाख नए शेयर जारी हो रहे हैं।
इस आईपीओ में रिटेल इनवेस्टर्स के लिए 47.48 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व किया गया है। इसी तरह नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (एनआईआई) के लिए भी 47.48 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व किया गया है। इसके अलावा मार्केट मेकर के लिए 5.04 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व है। इस इश्यू के लिए सौभाग्या कैपिटल ऑप्शंस प्राइवेट लिमिटेड को बुक रनिंग लीड मैनेजर बनाया गया है। वहीं मांशीतला सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड को रजिस्ट्रार बनाया गया है। जबकि आफ्टरट्रेड ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का मार्केट मेकर है।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें, तो कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास जमा कराए गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 8 लाख रुपये का शुद्ध नुकसान हुआ था, लेकिन अगले वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी 1.58 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाने में सफल रही। वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी का शुद्ध लाभ उछल कर 2.93 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई 2025 में कंपनी को 1.47 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हो चुका है।
इस दौरान कंपनी की राजस्व प्राप्ति में भी लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 में इसे 10.46 करोड़ रुपये का कुल राजस्व प्राप्त हुआ, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 10.60 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 14.77 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई 2025 में कंपनी को 5.42 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है।
इस अवधि में कंपनी के कर्ज के बोझ में भी उतार चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में कंपनी पर 9.45 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में घट कर 7.54 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़ कर 8.18 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई 2025 की बात करें, तो इस दौरान कंपनी पर लदे कर्ज का बोझ 8.87 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया।
इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस में भी बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 में ये 2 लाख रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में बढ़ कर 1.60 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह 2024-25 में कंपनी का रिजर्व और सरप्लस 4.06 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई 2025 तक ये 5.53 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।
इसी तरह ईबीआईटीडीए (अर्निंग बिफोर इंट्रेस्ट, टैक्सेज, डिप्रेशिएशंस एंड एमॉर्टाइजेशन) 2022-23 में 1.89 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में बढ़ कर 4.15 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह 2024-25 में कंपनी का ईबीआईटीडीए 6.23 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई 2025 तक ये 2.53 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा।
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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक