वंदे मातरम भारत की आत्मा का प्रतीक: खरगे

युगवार्ता    07-Nov-2025
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मल्लिकार्जुन खरगे


नई दिल्ली, 7 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रगीत वंदेमातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को एक्स पर अपना संदेश साझा करते हुए कहा कि यह गीत भारत की सामूहिक चेतना का प्रतीक है, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी।

उन्होंने अपने संदेश में लिखा कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित वंदेमातरम भारत माता की भावना और देश की एकता व विविधता का उत्सव मनाता है। वर्ष 1896 में कांग्रेस अधिवेशन (कलकत्ता) के दौरान वंदेमातरम पहली बार सार्वजनिक रूप से गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर ने गाया था। यह क्षण आजादी के आंदोलन में नई ऊर्जा लेकर आया।

उन्होंने कहा कि बंगाल विभाजन से लेकर स्वतंत्रता आंदोलन के अंतिम चरण तक यह गीत देशभर में गूंजता रहा। लाला लाजपत राय के प्रकाशन से लेकर भीकाजी कामा के झंडे और रामप्रसाद बिस्मिल की क्रांति गीतांजलि तक, वंदेमातरम स्वतंत्रता का नारा बन गया था।

उन्होंने लिखा कि कांग्रेस पार्टी वंदेमातरम और जन-गण-मन दोनों का गर्व से गायन करती है क्योंकि ये गीत भारत की एकता, विविधता और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर

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