
बेलेम (ब्राजील), 07 नवंबर (हि.स.)। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बढ़ते वैश्विक तापमान काे 1.5 डिग्री सेल्सियस से कम पर नियंत्रित करने में नाकाम रहने के लिए विश्व नेताओं काे लताड़ लगाई है और कहा है कि यह उनके नैतिक पतन और असावधानी की निशानी है। उन्हाेंने चेतावनी दी कि इस 'सीमा' का अस्थायी उल्लंघन भी गंभीर परिणाम लाएगा, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र नष्ट हाे जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन यानि कान्फ्रेंस आफ पार्टनर्स (सीओपी 30) की यहां गुरूवार काे आयोजित अनाैपचारिक सम्मेलन के प्रांरभिक सत्र काे संबाेधित करते हुए उन्हाेंने यह बात कही।
उन्हाेंने कहा, बहुत सारी संस्थाएं पर्यावरण के नष्ट हाेने से लाभ कमा रही हैं। अरबाें डालर लाबिंग, जनता काे मूर्ख बनाने और प्रगति में बाधा डालने में खर्च किए जा रहे हैं और बहुत सारे नेता इसमें अपने हिताें काे ढूंढ रहे हैं।
सम्मेलन में माैजूद 30 से भी अधिक राष्ट्राध्यक्षाें से सीधी बात करते हुए उन्हाेंने कहा, हमें यह निर्णय लेना है कि हमें आगे बढ़ना है या फिर नष्ट हाेना है। यह नैतिक ताैर पर असफल हाेने के साथ ही भारी असावधानी है।
इस बीच विश्व माैसम विभाग संगठन (डब्लयूएमओ) ने गुरूवार काे ही जारी अपनी एक रिपाेर्ट में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के दावाें की पुष्टि की है। रिपाेर्ट के मुताबिक पृथ्वी काे गर्म करने वाली ग्रीन हाउस गैसाें में खतरनाक ताैर पर बढ़ाेतरी हुई है। रिपाेर्ट के मुताबिक 2025 अब तक का दूसरा या फिर तीसरा सबसे गर्म साल बनने की राह पर है और इतिहास में दर्ज सबसे गर्म दस साल पिछले दशक के ही हैं।
सम्मेलन में समूचे विश्व के लगभग 150 राष्ट्राध्यक्षाें अथवा नेताओं द्वारा अपने विचार रखने की संभावना है। हालांकि जलवायु में सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले अमेरिका, चीन, भारत और रूस जैसे प्रमुख देशाें के भाग न लेने से इस शिखर सम्मेलन की सफलता पर प्रश्नचिन्ह लगाए जा रहे हैं।
अमेरिका ने इसमें अपना काेई प्रतिनिधि नहीं भेजा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डाेनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल में ही पेरिस समझाैते से हाथ खींच चुके हैं। हालांकि उनके बाद आए राष्ट्रपति जाे बाइडन ने पर्यावरण संबधी समझाैताें में शामिल हाेना स्वीकारा था लेकिन फिर ट्रंप के दाेबारा राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका इन समझाैताें से दाेबारा पीछे हट गया।
गाैरतलब है कि सीओपी का तीसवां सत्र आधिकारिक ताैर पर दस नवंबर से 21 नवंबर तक आयाेजित हाेगा। वर्तमान समय में अनाैपचारिक चर्चाएं और तैयारी गतिविधियां जारी हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / नवनी करवाल