चलने लगी देहरादून में घंटाघर की धड़कन, चेन्नई के विशेषज्ञों ने किया ठीक

युगवार्ता    08-Nov-2025
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देहरादून  घंटाघर।


देहरादून  घंटाघर पर जिलाधिकारी सविन बसंल।


देहरादून, 08 नवंबर (हि.स.)। देहरादून की धड़कन कहे जाने वाले घंटाघर की घड़ी फिर से चलने लगी है। घड़ी की बार-बार सुई रुकने और गलत टाइम बताने की शिकायतों का जिलाधिकारी सविन बसंल ने संज्ञान लिया और चेन्नई के विशेषज्ञों ने घड़ी को ठीक किया।

देहरादून की घड़कन कहे जाने वाले घंटाघर घर की सुई रूकने और गलत टाइम बताने की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने घड़ी ठीक करने के लिए धनराशि दी। जिलाधिकारी ने विशेषज्ञ कम्पनी के इंजीनियर्स से कार्य कराने के निर्देश दिए। इस कार्य के लिए चैन्नई की विशेषज्ञ फर्म इण्डियन क्लॉक्स को चुना गया।

कम्पनी के विशेषज्ञ इंजीनियर्स ने जांच करने पर पाया कि घड़ी की वायर खराब, जीपीएस, लाउडस्पीकर, बेल में भी खराबी आ गई थी। जीपीएस, वायर, लाउडस्पीकर, बेल आदि सब बदल कर उसे अब ठीक कर लिया गया है।

यह घंटाघर भारत का सबसे बड़ा बिना घण्टानाद वाला घंटाघर है और इसमें छह मुखों पर छह घड़ियां लगी हैं। ईंटों और पत्थरों से निर्मित इस घंटाघर के षट्कोणीय आकार की हर दीवार पर प्रवेशमार्ग बना हुआ है। इसके मध्य स्थित सीढ़ियां इसके ऊपरी तल तक जाती हैं, जहां अर्धवृत्ताकार खिड़कियां हैं। यह देहरादून की सबसे व्यस्त राजपुर रोड के मुहाने पर स्थित है। पहले इसका घण्टानाद देहरादून के दूर-दूर के स्थानों से भी श्रव्य था, लेकिन अब यह शहर का स्थलचिह्न मात्र है, जिसके चारों ओर दुकानें, सिनेमाघर, सरकारी भवन, पर्यटक स्थल इत्यादि बन गये हैं। इसके निर्माण का श्रेय अंग्रेज़ों को जाता है और इसका उद्घाटन 23 अक्टूबर, 1953 को तत्कालीन रेल यातायात मंत्री लालबहादुर शास्त्री ने किया था।----

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

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