
नई दिल्ली, 8 नवंबर (हि.स.)। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के सचिव वी. श्रीनिवास ने कहा कि फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक ने पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया को बहुत आसान बना दिया है। अब पेंशनभोगी अपने मोबाइल फोन से कभी भी और कहीं से भी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकते हैं।
मंत्रालय के अनुसार, वी. श्रीनिवास ने शुक्रवार को नई दिल्ली के पंजाब नेशनल बैंक शाखा में डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 4.0 के तहत आयोजित मेगा शिविर का उद्घाटन किया। इस शिविर में 200 से ज्यादा पेंशनभोगियों के डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र बनाए गए। पंजाब नेशनल बैंक इस अभियान के तहत देशभर के 39 शहरों में 185 जगहों पर ऐसे शिविर आयोजित कर रहा है।
01 से 30 नवम्बर तक राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 4.0 चलाया जा रहा है। यह अभियान पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा कई संस्थाओं के सहयोग से चलाया जा रहा है, जिनमें बैंक, इंडिया पोस्ट भुगतान बैंक, पेंशनभोगी संघ, ईपीएफओ, रेल मंत्रालय, दूरसंचार विभाग, यूआईडीएआई और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय शामिल हैं।
मंत्रालय ने बताया कि इस साल अब तक 67.94 लाख डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र बनाए जा चुके हैं, जिनमें से 40.42 लाख फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक से बने हैं। सिर्फ 1 से 5 नवम्बर के बीच ही 25.60 लाख प्रमाणपत्र बने, जिनमें 61 प्रतिशत फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक से बनाए गए। इनमें 90 साल से ज्यादा उम्र के 37 हजार से अधिक और 100 साल से ऊपर के 985 पेंशनभोगी शामिल हैं।
शिविर के दौरान वी. श्रीनिवास ने पेंशनभोगियों से बातचीत की। ज्यादातर वरिष्ठ नागरिक इस डिजिटल सुविधा से बहुत खुश हैं, क्योंकि अब उन्हें बैंक या कार्यालय जाने की जरूरत नहीं पड़ती। यह तकनीक खासतौर पर बुजुर्ग और बीमार पेंशनभोगियों के लिए बहुत मददगार साबित हो रही है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर