रूस ने पुतिन और लावरोव के बीच 'मतभेद' की अफवाहों को किया खारिज

युगवार्ता    08-Nov-2025
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राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव


मॉस्को, 8 नवंबर (हि. सं.) । रूस ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच किसी तरह के मतभेदाें काे 'अटकलबाजी' करार देते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया है।

ये अटकलें पिछले महीने पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाेने वाले एक 'शिखर- सम्मेलन' के रद्द होने के बाद तेज हो गई थीं। सोवियत युग के अनुभवी राजनयिक 75 वर्षीय लावरोव अपनी कठोर वार्ता शैली के लिए प्रसिद्ध हैं। वह इस सप्ताह क्रेमलिन में एक प्रमुख बैठक से भी गैरहाजिर रहे, जिसमें उनकी उपस्थिति 'सामान्य' होती है। इसके अलावा, पुतिन ने दक्षिण अफ्रीका में होने वाले आगामी 'जी20' शिखर सम्मेलन के लिए भी किसी 'अन्य' अधिकारी को रूस का प्रतिनिधित्व करने काे कहा है। यह भूमिका अब तक हमेशा लावरोव ने ही निभाई है।

लगातार दाे सप्ताहों से विदेश मंत्रालय ने लावरोव के आगामी यात्रा कार्यक्रम और सार्वजनिक कार्यक्रमों की जानकारी भी नहीं दी, जिससे इस तरह की अफवाहाें काे और बल मिला है। ऐसा भी समझा जा रहा है कि दो दशकों से अधिक समय से रूस की विदेश नीति संभाल रहे लावरोव शायद पुतिन के 'करीबी' लाेगाें के दायरे से बाहर हो चुके हैं और ऐसा खासकर 'बुडापेस्ट' में प्रस्तावित शिखर सम्मेलन विफल होने के कारण हुआ है।

इस बीच क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव से शुक्रवार को जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या पुतिन लावरोव से नाराज हैं, तो उन्हाेंने इसे सिरे से नकार दिया। उन्हाेंने कहा, “मैं संक्षिप्त जवाब दूंगा। इन रिपोर्टों में काेई सच्चाई नहीं है।”

लावरोव की वर्तमान भूमिका की पुष्टि करते हुए उन्होंने कहा, “निस्संदेह। लावरोव विदेश मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं।”

बुडापेस्ट शिखर सम्मेलन की चर्चा 20 अक्टूबर को लावरोव की अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ फोन पर हुई बातचीत के बाद शुरू हुई। इससे पहले ट्रंप ने पुतिन के साथ वार्ता के बाद इस सम्मेलन के बारे में घोषणा कर दी थी। हालांकि, अगले ही दिन ट्रंप ने इससे पीछे हटते हुए इसे “समय की बर्बादी” करार दिया और बाद में कहा कि यह “सिर्फ सही नहीं लग रहा था।

ट्रंप रूस के साथ गर्मजोशीपूर्ण संबंधों की कोशिश कर रहे है जिसमें अगस्त में अलास्का में पुतिन के साथ शिखर सम्मेलन शामिल है। वह वर्तमान मोर्चों पर यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम की वकालत कर रहे हैं। लेकिन रूस ने यूक्रेन से और अधिक क्षेत्रीय रियायतें मांगी हैं।

इस बीच मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका ने लावरोव के विदेश मंत्रालय द्वारा यूक्रेन पर कोई लचीलापन न दिखाने के संकेत के बाद नया शिखर सम्मेलन रद्द कर दिया।

ब्रिटेन के एक समाचारपत्र के मुताबिक लावरोव की रुबियो से बात ने अमेरिका को निराश किया, और वह “थके हुए” लग रहे थे तथा पुतिन की मंशा के बावजूद अमेरिका से संबध जाेड़ने में रुचि नहीं दिखा रहे थे।

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने शुक्रवार को इस समाचारपत्र के लेख को भड़काने वाली अटकलें बताया, जो रूस को नुकसान पहुंचाने के लिए हैं । उन्होंने इसे रूस के खिलाफ “हाइब्रिड युद्ध” का हिस्सा करार दिया। पुतिन ने स्पष्ट कर चुके हैं कि यूक्रेन मुद्दे को छोड़कर, रूस -अमेरिका के बीच सुलह राष्ट्रीय हित में है। यह वैश्विक सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों देशों के पास विशाल परमाणु हथियाराें के भंडार हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / नवनी करवाल

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