
नई दिल्ली, 09 नवंबर (हि.स.)। भारत और सऊदी अरब के बीच हुए द्विपक्षीय हज समझौते के तहत हज-2026 में 1,75,025 भारतीय तीर्थयात्रियों को वीजा दिया जाएगा। इस समझौते पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और सऊदी अरब के हज एवं उमराह मंत्री डॉ तौफीक बिन फवजान अल रबिया ने हस्ताक्षर किए। दोनों पक्षों ने हज व्यवस्थाओं को और अधिक सुव्यवस्थित, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने पर सहमति जताई।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के अनुसार, किरेन रिजिजू 07 से 09 नवम्बर तक सऊदी अरब के दौरे पर रहे। यह यात्रा सऊदी अरब के हज और उमराह मंत्री के निमंत्रण पर हुई थी। मंत्री के साथ विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (खाड़ी) असीम आर महाजन और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव (हज) राम सिंह सहित एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी था।
द्विपक्षीय बैठक में हज-2026 की तैयारियों की समीक्षा की गई और तीर्थयात्रियों के लिए परिवहन, आवास और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने यह भी सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि पूरी हज प्रक्रिया आधुनिक तकनीक के उपयोग से और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बने।
दौरे के दौरान किरेन रिजिजू ने रियाद स्थित भारतीय दूतावास और जेद्दा स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने सऊदी अधिकारियों के साथ मिलकर भारतीय तीर्थयात्रियों के कल्याण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
मंत्री ने जेद्दा और ताइफ में हज और उमराह से जुड़े प्रमुख स्थलों टर्मिनल 1 और हरमैन स्टेशन का भी निरीक्षण किया और तीर्थयात्रियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने प्रवासी भारतीय समुदाय से भी मुलाकात कर उनके सुझाव सुने और उनके योगदान की सराहना की।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर