भारत में अकबर या बाबर बनकर कोई नहीं रह सकता, रहना है ताे सूर, कबीर व तुलसी बनकर रहाे: जगतगुरु रामभद्राचार्य

युगवार्ता    01-Dec-2025
Total Views |
फोटो


प्रथम कल्कि कथा कहने कल्कि धाम पहुंचे है स्वामी रामभद्राचार्य

संभल, 1 दिसंबर (हि.स.)। जगदगुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि भारत माता को डायन कहने वालाें काे ताे हम सहन नहीं करेंगे। यहां अकबर बन कर या बाबर बन कर तो कोई यहां नहीं रह सकता। यहां रहना है तो स्वामी तुलसीदास, सूरदास या कबीरदास बन कर रहो। भारत में रहने वाले सभी लाेगाें काे वंदे मातरम गायन करना चाहिए और गाय काे माता मानकर पूजा करनी चाहिए। वंदे मातरम न कहने वाले पाकिस्तान चले जाएं।

जगदगुरु रामभद्राचार्य उत्तर प्रदेश के जनपद संभल के एंचौड़ा कम्बोह में स्थित कल्कि धाम में आयोजित कल्कि महोत्सव में प्रथम श्रीकल्कि कथा सुनाने पहुंचे हैं। धाम में सोमवार से सात दिवसीय श्री कल्कि कथा का आयोजन शुरू हुआ है। यह दिसंबर तक चलेगी। कल्कि धाम पहुंचने पर पद्मविभूषित जगद्गुरु रामानंदाचार्य तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य ने प्रथम श्रीकल्कि कथा से पहले पत्रकारों से वार्ता की। कल्कि कथा के संदेश के सवाल पर उन्होंने कहा कि यही संदेश रहेगा स्वयं जीओ, साथ रहो और दूसरे को जीने दो यहां अकबर बन कर या बाबर बन कर तो कोई यहां नहीं रह सकता। यहां रहना है तो स्वामी तुलसीदास, सूरदास या कबीरदास बन कर रहो। हम कब बुरा कर रहे हैं, भारत माता को माता कहो, गंगा माता को माता कहो, गऊ को माता कहो। अगर भारत माता को डायन कहोगे तो हम सहन नहीं करेंगे ।

उन्हाेंने वंदे मातरम न कहने वालाें पर तीखे प्रहार किए। उन्हाेंने कहा कि वंदे मातरम न कहने वालाें काे पाकिस्तान चले जाना चाहिए। रामभद्राचार्य ने कहा कि पत्नी की अंग्रेजी व्याख्या पर बाेले कि मैंने जो कहा शास्त्रीय सम्मत कहा है। यह अंग्रेजों से पूछो कि तुमने ऐसी व्याख्या क्यों लिखी और सही भी यही है। पत्नी ही मुख्य है, हम भारत की बात करें ताे भारत में न बीवी स्वीकृत है और न ही वाइफ स्वीकृति। यहां तो पत्नी होती है, जो पति को पतन से बचाती है। कोई भी विद्वान अंग्रेजी का वाइफ शब्द की ऐसी व्याख्या बता दे मैं फेंक दूंगा त्रिदंड गंगा जी में।

हिन्दुस्थान समाचार / Nitin Sagar

Tags