
नई दिल्ली, 10 दिसंबर (हि.स)। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छी खबर है। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 पीसदी से बढ़ाकर 7.2 फीसदी कर दिया। इसकी मुख्य वजह हाल में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती से घरेलू खपत को मिली मजबूती है।
एशियाई विकास बैंक ने दिसंबर के लिए जारी एशिया विकास परिदृश्य रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष वर्ष 2025-26 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के अनुमान को बढ़ाकर 7.2 फीसदी कर दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी, जो पिछली छह तिमाहियों में सबसे ज्यादा है, जबकि पहली तिमाही में यह 7.8 फीसदी रही थी। इस तरह चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में भारत आठ फीसदी की वृद्धि दर हासिल कर चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक यह मजबूत वृद्धि आपूर्ति पक्ष में विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के मजबूत विस्तार और मांग पक्ष में खपत एवं निवेश की वृद्धि की वजह से हुई है।
एडीबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की यह तेज रफ्तार एशिया को भी तेजी से बढ़ने में मदद करेगी, जो इस साल 4.8 फीसदी के पिछले अनुमान के मुकाबले अब 5.1 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। हालांकि, इस बहुपक्षीय विकास बैंक ने आगामी वित्त वर्ष 2026-27 के लिए अपने जीडीपी वृद्धि अनुमान को 6.5 पीसदी पर बरकरार रखा है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पिछले हफ्ते ही चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए (जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 फीसदी से बढ़ाकर 7.3 फीसदी कर दिया था। इससे एक दिन पहले वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की (जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को 6.9 फीसदी से बढ़ाकर 7.4 फीसदी कर दिया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर