(संशोधित)मप्र की संगीतधानी ग्वालियर में पहली पूर्वरंग सभा में दिखा अद्भुत शास्त्रीय श्रृंगार

युगवार्ता    10-Dec-2025
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तानसेन समारोह से पहले सजी पूर्वरंग सभा


- तानसेन संगीत समारोह का 15 से दिसम्बर होगा आगाजग्वालियर, 10 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश की संगीतधानी ग्वालियर में विश्व प्रसिद्ध तानसेन संगीत समारोह की पहली पूर्वरंग सभा ने सुरों की ऐसी पावन छटा बिखेरी कि गंगा दास की शाला का संपूर्ण परिसर संगीत रस में डूब गया। माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और पुष्पांजलि के साथ आरंभ हुई इस सभा में भारतीय शास्त्रीय संगीत के स्वर, लय और भाव ने अद्भुत आध्यात्मिक और श्रृंगारिक वातावरण रचा।

दरअसल, संगीत-शिरोमणि तानसेन की पावन स्मृति और उनकी अलौकिक संगीत-परंपरा को अक्षुण्य बनाए रखने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा विश्व-स्तरीय संगीत समागम “तानसेन समारोह” संगीतधानी ग्वालियर में आगामी 15 से 19 दिसम्बर तक आयोजित हो रहा है। इस समारोह का यह 101वॉ साल है। तानसेन समारोह का प्रतिष्ठित मंच अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुतियों एवं श्रेष्ठ संगीतज्ञों के लिए जाना जाता है। तानसेन समारोह केवल कार्यक्रम नहीं, बल्कि संगीत परंपरा का जीवंत उत्सव है, जहाँ सुर और साधना एकाकार होते हैं।

समारोह के अंतर्गत बुधवार को सजी पूर्वरंग सभा ने आगामी आयोजनों की रसमय झलक पेश करते हुए ग्वालियर की संगीत साधना को पुनः गौरवान्वित किया।

श्लोक द्विवेदी के तबला वादन ने बांधा समा

सभा की शुरुआत युवा तबला वादक श्लोक द्विवेदी के दमदार एकल तबला वादन से हुई। उन्होंने तीनताल में पेशकार, रेला, गत, कायदे, फरमायशी टुकड़े और तिधारा गत आड़ी जैसी जटिल प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अपनी प्रस्तुति के अंत में बनारस और लखनऊ घराने की विशिष्ट गतों से उन्होंने सभागार में ताल–लय की ऐसी गूंज पैदा की जो देर तक उपस्थित श्रोताओं के हृदय में प्रतिध्वनित होती रही।

अखिलेश अहिरवार के ख्याल और भजन ने रचा रस–श्रृंगार

दूसरी प्रस्तुति में ख्यात युवा गायक अखिलेश अहिरवार ने अपने मधुर स्वर से सभा में विशेष रस भर दिया। उन्होंने राग ''नट भैरव में विलंबित ख्याल “एरी मिल मंगल गाओ” मध्यलय ख्याल “सुजान करियो” की मनोहारी प्रस्तुतियाँ दीं इसके बाद राग पटदीप में द्रुत ख्याल प्रस्तुत किया। उन्होंने राग भैरवी का भावपूर्ण भजन “बाल रूप छवि राम” गाकर दर्शकों के मन को भक्ति और श्रृंगार दोनों रसों से सराबोर कर दिया। कार्यक्रम में गंगा दास शाला के महंत रामसेवक दास जी की गरिमामयी उपस्थिति रही। संचालन संजय देवले ने किया। यह पूरा आयोजन मध्य प्रदेश सरकार, संस्कृति विभाग, जिला प्रशासन, नगर निगम ग्वालियर तथा एमपी टूरिज़्म के सहयोग से उस्ताद अलाउद्दीन ख़ाँ संगीत एवं कला अकादमी, संस्कृति परिषद भोपाल द्वारा किया जा रहा है।

प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने बताया कि 101वें तानसेन समारोह के शुभारंभ अवसर पर 15 दिसम्बर को सायं 6 बजे से राष्ट्रीय तानसेन सम्मान अलंकरण एवं राजा मानसिंह तोमर सम्मान अलंकरण समारोह का आयोजन भी तानसेन समाधि स्थल पर किया जा रहा है। समारोह में वर्ष 2024 के राष्ट्रीय तानसेन सम्मान से पंडित राजा काले, मुम्बई को गायन के लिए एवं वर्ष 2025 का पंडित तरुण भट्टाचार्य, कोलकाता को संतूर वादन के लिए प्रदान किया जाएगा। वहीं, राष्ट्रीय राजा मानसिंह तोमर सम्मान वर्ष 2024 का साधना परमार्थिक संस्थान समिति, मण्डलेश्वर एवं वर्ष 2025 का रागायन संगीत समिति, ग्वालियर को प्रदान किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार

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