
काठमांडू, 14 दिसंबर (हि.स.)। काठमांडू स्थित भृकुटीमंडप में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएन–यूएमएल) के 11वें महाधिवेशन का बंद रविवार से शुरू हुआ है, जिसमें पार्टी के नए नेतृत्व का चयन किया जाएगा। भक्तपुर के सल्लाघारी में हुए महाधिवेशन के उद्घाटन के बाद नेतृत्व चयन से संबंधित यह प्रक्रिया आज और कल काठमांडू में जारी रहेगी।
पार्टी अध्यक्ष केपी शर्मा ओली को इस बार वरिष्ठ उपाध्यक्ष ईश्वर पोखरेल से नेतृत्व की चुनौती मिल रही है। हालांकि, सत्र शुरू होने तक दोनों में से किसी भी पक्ष ने औपचारिक रूप से अपना पैनल घोषित नहीं किया है। अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवारी घोषित कर चुके पोखरेल को पूर्व राष्ट्रपति एवं पार्टी की पूर्व उपाध्यक्ष विद्या भंडारी गुट का समर्थन मिलने की चर्चा है, जिससे संभावित ‘ईश्वर–विद्या’ पैनल को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। नेतृत्व चयन प्रक्रिया में कुल 2,262 महाधिवेशन प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। पार्टी की मौजूदा संरचना के अनुसार, यूएमएल में कुल 15 पदाधिकारी होते हैं, जिनमें एक अध्यक्ष, तीन उपाध्यक्ष, एक महासचिव, तीन उपमहासचिव और सात सचिव शामिल हैं।
इसी बीच, सीपीएन-यूएमएल अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने पार्टी विधान में संशोधन कर 10वें महाधिवेशन में अपनाए गए प्रावधानों को प्रभावी रूप से बरकरार रखा है। नए मसौदे को तीन महीने के भीतर संशोधित करते हुए किए गए इस बदलाव के तहत अब पार्टी में 19 पदाधिकारियों सहित 301 सदस्यीय केंद्रीय समिति का प्रावधान किया गया है।
विधान संशोधन प्रस्ताव को रविवार को भृकुटीमंडप में हुई केंद्रीय समिति की बैठक में पेश किया गया, जिसे बहुमत से पारित कर दिया गया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष ईश्वर पोखरेल गुट के नेताओं ने इस संशोधन पर तीव्र असंतोष व्यक्त किया, लेकिन बहुमत ने ओली के प्रस्ताव का समर्थन किया। निर्णय के लिए दबाव बनाए जाने के दौरान अधिकांश सदस्यों ने तालियां बजाकर समर्थन जताया, जिससे पोखरेल गुट हाशिये पर चला गया। संशोधन पारित होने के बाद पोखरेल गुट के सदस्यों को भृकुटीमंडप सभागार के भीतर नारेबाजी करते हुए विरोध जताते देखा गया।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास