पूर्व प्रधानमंत्री माधव नेपाल से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में अदालत ने सभी दस्तावेज जमा करने का दिया निर्देश

युगवार्ता    15-Dec-2025
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पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार सिंह


काठमांडू, 15 दिसंबर (हि.स.)। विशेष अदालत ने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल के खिलाफ दायर भ्रष्टाचार मामले से संबंधित सभी दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश अख्तियार दुरुपयोग अनुसन्धान आयोग को दिया है।

यह आदेश काभ्रेपलाञ्चोक के सांगा स्थित पतंजलि योगपीठ की भूमि लेनदेन में कथित अनियमितताओं के संबंध में जारी किया गया है। आरोप है कि प्रधानमंत्री रहते हुए माधव कुमार नेपाल ने कानून के विपरीत भूमि अधिग्रहण में सहूलियत प्रदान की।

मंगलवार को हुई सुनवाई के बाद न्यायाधीश नारायण प्रसाद पौडेल और डील्ली रत्न श्रेष्ठ की संयुक्त पीठ ने आयोग को माधव कुमार नेपाल के विरुद्ध अभियोजन का निर्णय लेने से संबंधित सभी फाइलें, शिकायतें और दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया। साथ ही अदालत ने 10 दिसंबर 2012 को लिए गए आयोग के निर्णय की प्रति भी मांगी है।

अदालत के आदेश के अनुसार, आयोग को जांच से जुड़ी फाइलें, शिकायतें, सरकारी गवाहों और बचाव पक्ष के गवाहों की सूची विशेष सरकारी वकील के कार्यालय के माध्यम से प्रस्तुत करनी होगी। इसके अलावा, गवाहों को स्वयं उपस्थित होकर या वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत के समक्ष बयान देने के लिए भी निर्देश दिया गया है।

विशेष अदालत ने स्पष्ट किया कि आयोग से आवश्यक दस्तावेज प्राप्त होने के बाद ही पतंजलि भूमि अनियमितता मामले में आगे की सुनवाई की प्रक्रिया बढ़ाई जाएगी।

इससे पहले, विशेष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल को 35 लाख रुपये की जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। जमानत आदेश में अदालत ने कहा था कि अंतिम फैसले में यह एक प्रमुख प्रश्न होगा कि कैबिनेट द्वारा पतंजलि से जुड़ी कंपनियों को कानूनी सीमा से अधिक भूमि खरीदने तथा बाद में उसे अन्य व्यक्तियों को बेचने या वितरित करने की अनुमति देना नीति-स्तरीय निर्णय के दायरे में आता है या नहीं।

अदालत ने स्पष्ट किया कि उक्त कैबिनेट निर्णय नीतिगत फैसला था या आपराधिक कदाचार, इसका निर्धारण मामले के अंतिम निर्णय के दौरान किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास

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