वॉशिंगटन, 15 दिसंबर (हि.स.)। अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी एफबीआई ने कैलिफोर्निया के लॉस एंजेलिस और ऑरेंज काउंटी में बड़े आतंकी हमले की साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया है। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी ने बताया कि साजिश के तहत इमिग्रेशन एजेंट्स, उनके वाहनों और अन्य ठिकानों को निशाना बनाने की योजना थी।
अटॉर्नी जनरल के अनुसार, ‘टर्टल आइलैंड लिबरेशन फ्रंट’ नामक एक कट्टरपंथी समूह नए साल की पूर्व संध्या से सिलसिलेवार बम धमाके करने की तैयारी में था। यह समूह खुद को सरकार विरोधी, पूंजीवाद विरोधी और फिलिस्तीन समर्थक बताता है। जांच में सामने आया कि संगठन की योजना कैलिफोर्निया में कई जगहों पर विस्फोट करने की थी, जिसमें आईसीई (इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट) के एजेंट और वाहन भी संभावित लक्ष्य थे।
इस मामले में एफबीआई ने चार लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ साजिश रचने और बिना पंजीकरण वाले घातक विस्फोटक उपकरण रखने के आरोप लगाए हैं। अमेरिकी जिला अदालत में दायर शिकायत के अनुसार, आरोपितों की पहचान ऑड्री इलिन कैरोल, जैकरी एरन पेज, डांटे गैफील्ड और टीना लाई के रूप में हुई है।
अदालत में पेश शपथ-पत्र में बताया गया कि नवंबर महीने में ऑड्री कैरोल ने एक गोपनीय मुखबिर को “ऑपरेशन मिडनाइट सन” शीर्षक से आठ पन्नों का हस्तलिखित दस्तावेज सौंपा था, जिसमें बम हमलों की विस्तृत योजना दर्ज थी। बाद में कैरोल और पेज ने अन्य दो आरोपितों को इस साजिश में शामिल किया।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, आरोपित विस्फोटक बनाने की सामग्री जुटा चुके थे और 12 दिसंबर 2025 को मोजावे रेगिस्तान के एक दूरदराज इलाके में परीक्षण विस्फोट करने की तैयारी भी कर चुके थे। हालांकि, एफबीआई ने समय रहते हस्तक्षेप करते हुए किसी भी कार्यशील बम के तैयार होने से पहले ही साजिश को विफल कर दिया।
अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई संभावित बड़े हमले को रोकने में अहम साबित हुई और मामले की जांच आगे भी जारी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय