अयोध्या में डॉ. वेदांती महाराज को दी गई जल समाधि, अंतिम यात्रा में शामिल हुए मुख्यमंत्री योगी

युगवार्ता    16-Dec-2025
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वेदांती महाराज अंतिम यात्रा


मुख्य मंत्री


वेदांती अंतिम यात्रा पुष्प वर्षा


-वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सरयू नदी में जल समाधि दी गई

अयोध्या, 16 दिसंबर (हि.स.)। श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के अग्रणी योद्धा, वशिष्ठ भवन पीठाधीश्वर व पूर्व सांसद डॉ. राम विलास वेदांती को आज वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सरयू नदी में जल समाधि दी गई। उपस्थित जनसमूह की आंखें नम हो गईं। इसके पहले हिंदू धाम आश्रम से निकली डॉ. वेदांती महाराज की अंतिम यात्रा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रख्यात साधु संत—महंत, धर्माचार्यों, राजनेताओं के अलावा हजारों अयोध्यावासी शामिल हुए और रास्ते भर जय श्री राम के उद्घोष से अयोध्या नगरी गुंजायमान रही। शोक मग्न राम नगरी में आज चहुंओर डा वेदांती महाराज और राम मंदिर आंदोलन की चर्चा होती रही।

मुख्यमंत्री ने श्रद्धासुमन अर्पित किए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अयोध्या स्थित हिंदू धाम आश्रम पहुंचकर वशिष्ठ भवन के ब्रह्मलीन महंत डॉ. रामविलास वेदांती जी महाराज के प्रति श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके योगदान का स्मरण किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति अभियान के वरिष्ठ सदस्य तथा वशिष्ठ भवन, अयोध्या के महंत डॉ. रामविलास वेदांती जी महाराज भौतिक रूप से आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका संपूर्ण जीवन अयोध्या धाम के विकास और रामलला के भव्य मंदिर निर्माण को समर्पित रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वेदांती जी महाराज का पूरा जीवन ही रामकाज को समर्पित था। यह भी एक संयोग है कि प्रभु श्रीराम की पावन कथा का वाचन करते हुए उन्होंने नश्वर देह का त्यागकर साकेतवास किया।

प्रभु श्रीराम से जुड़े हर कार्य में रही वेदांती जी महाराज की सक्रिय सहभागिता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वेदांती जी महाराज के योगदान को याद करते हुए कहा कि श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के प्रारंभिक दौर से लेकर उसके मूर्त रूप लेने और आंदोलन के सफल परिणाम को देखने का सौभाग्य उन्हें प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि 25 नवंबर को श्रीरामजन्मभूमि पर निर्मित भव्य मंदिर पर धर्मध्वजा आरोहण के समारोह में भी वेदांती जी महाराज की गरिमामयी उपस्थिति रही। यह उनके समर्पण और निरंतर सहभागिता का स्पष्ट प्रमाण है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वर्ष 1983 में श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति अभियान के आरंभ से लेकर अब तक आयोजित प्रत्येक आंदोलन और कार्यक्रम में वेदांती जी महाराज की सक्रिय भूमिका रही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वेदांती जी महाराज को याद करते हुए कहा कि आज भले ही वे भौतिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके साकेतवासी होने पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करने और उनके शिष्यों व आश्रमवासियों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए मैं अयोध्या आया हूं ।

गोरक्षपीठ से रहा गहरा जुड़ाव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरक्षपीठ से वेदांती जी महाराज का अत्यंत निकट और आत्मीय संबंध रहा। उन्होंने बताया कि वर्ष 1949 में अयोध्या धाम में श्रीरामजन्मभूमि पर प्रभु श्रीराम के विग्रह के प्रकटीकरण के समय गोरक्षपीठ के तत्कालीन पीठाधीश्वर पूज्य महंत श्री दिग्विजयनाथ जी महाराज तथा वेदांती जी महाराज के पूज्य गुरु बाबा अभिराम दास जी उस ऐतिहासिक अभियान का हिस्सा थे। मुख्यमंत्री योगी ने आगे कहा कि वर्ष 1983 में जब श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति का गठन हुआ और उनके पूज्य गुरुदेव, गोरक्षपीठाधीश्वर पूज्य महंत श्री अवेद्यनाथ जी महाराज उस समिति के अध्यक्ष बने, तब से डॉ. रामविलास वेदांती जी महाराज वरिष्ठ सदस्य के रूप में निरंतर इस आंदोलन से जुड़े रहे।

प्रभु श्रीराम से की श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रभु श्रीराम के पवित्र मंदिर से जुड़े सभी ऐतिहासिक कार्यक्रमों, 5 अगस्त 2020 को मंदिर के शिलान्यास, 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा तथा 25 नवंबर 2025 को धर्मध्वजा आरोहण के वेदांती जी महाराज साक्षी रहे। यह उनके जीवन की साधना और संकल्प का ही परिणाम था कि वे रामलला को विराजमान होते, भव्य मंदिर का निर्माण होते और दिव्य-भव्य अयोध्या को साकार रूप में देखते हुए तथा रामकथा का गायन करते हुए इस लोक से विदा हुए। मुख्यमंत्री ने प्रभु श्रीराम से प्रार्थना की कि वे वेदांती जी महाराज को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें। उन्होंने कहा कि वे विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी स्मृतियों को नमन करते हैं और उन्हें पूर्ण विश्वास है कि वेदांती जी महाराज के आदर्शों का अनुसरण करते हुए उनके आश्रम के शिष्य और अनुयायी निरंतर रामकाज के अभियान से जुड़े रहेंगे। उल्लेखनीय है कि डॉ. रामविलास वेदांती जी मध्य प्रदेश के लालगांव के समीप स्थित भठवा गांव में रामकथा का वाचन कर रहे थे। कथा का आयोजन 17 दिसंबर तक निर्धारित था, लेकिन शनिवार की रात सीने में दर्द और घबराहट की शिकायत के बाद उन्हें उपचार के लिए रीवा लाया गया। वहां एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में इलाज के दौरान सोमवार को उनका साकेतवास हो गया।

हिंदूधाम से निकली अंतिम यात्रा

वशिष्ठ भवन पीठाधीश्वर व पूर्व सांसद डा रामविलास दास वेदांती की हिंदू धाम वासुदेव घाट से निकली शोभायात्रा नगर भ्रमण करते हुए सरयू तट पहुंची। यहां उन्हें जल समाधि देकर नम आंखों से विदाई दी गई। जगह-जगह श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी. राम धुन और “जय श्रीराम” के उद्घोष के बीच वातावरण भावुक हो उठा । इसके पहले राम नगरी के प्रमुख संत, महंत, नागरिक, संभ्रांत लोगों ने हिंदू धाम में डा वेदांती को नमन कर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की।

संत, महंत और भक्त रहे शामिल

इस दौरान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अध्यक्ष एवं श्री मणिराम छावनी पीठाधीश्वर महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास, राम मंदिर ट्रस्ट सदस्य डाक्टर अनिल मिश्रा, हनुमत निवास महंत आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण, हनुमानगढ़ी महंत धर्म दास, महंत संजय दास, लक्ष्मण किलाधीश महंत मैथिली रमण शरण, श्रीराम वल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास, , डा सुनीता शास्त्री, जगद्गुरु रामानंदाचार्य राम दिनेशाचार्य, दिगम्बर अखाड़ा महंत राम लखन दास, विहिप के पूर्व संगठन मंत्री भोलेन्द्र सिंह, मीडिया प्रभारी शरद शर्मा, नगर निगम महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, विधायक वेदप्रकाश गुप्ता, पूर्व सांसद लल्लू सिंह, पूर्व सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह, पूर्व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, भाजपा महानगर जिलाध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव, पूर्व जिलाध्यक्ष अवधेश पांडेय, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अयोध्या महानगर प्रचारक सुदीप, सह संपर्क प्रमुख रवि दास आदि हज़ारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे I

संत तुलसीदास घाट पर दी गई जल समाधि

अंतिम यात्रा हिन्दू धाम जानकी महल रोड से होते हुए मुख्य मार्ग पर पहुंची और फिर राम पथ से गुजरी और यात्रा को विशेष रूप से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य द्वार पर रोका गया इसके पश्चात यात्रा को हनुमंत लला का भी दर्शन कराया गया । अंतिम यात्रा सरयू तट स्थित संत तुलसीदास घाट पर पहुंची, जहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उन्हें जल समाधि दी गई। इस दौरान पूरा घाट “जय श्रीराम” के नारों से गूंज उठा और सभी लोगों की आंखें नम हो गई।

हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय

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