


-'ग्रीन योर स्कूल प्रोग्राम’ के अंतर्गत देशभर के 720 स्कूलों में से गुजरात के सरकारी प्राथमिक स्कूल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया
गांधीनगर, 16 दिसंबर (हि.स.)। गुजरात के गांधीनगर जिले के जीवराजना मुवाडा गांव के सरकारी प्राथमिक स्कूल को ‘ग्रीन योर स्कूल प्रोग्राम’ के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर का ‘ग्रीन स्कूल अवॉर्ड-2025’ दिया है।
गांधीनगर जिले के जीवराजना मुवाडा गांव के सरकारी प्राथमिक स्कूल ने राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के साथ ही शिक्षा क्षेत्र में केवल जिले का ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य का गौरव बढ़ाया है। मुंबई में इन्डियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित ‘ग्रीन योर स्कूल प्रोग्राम’ के अंतर्गत प्राथमिक स्कूल को यह अवॉर्ड-2025’ दिया गया है।
राज्य सूचना विभाग ने मंगलवार को बताया कि लगभग 1,200 से अधिक वृक्षों वाले इस स्कूल को राष्ट्रीय स्तर पर ग्रीन स्कूल से संबंधित 11 नए विचारों तथा प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए 3 लाख रुपये का प्रोत्साहन पुरस्कार भी दिया गया है।
केंद्र सरकार के न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मिनिस्ट्री, मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स, वर्ल्ड ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल, कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री तथा इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल के संयुक्त उपक्रम से नवंबर-2025 में जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर, मुंबई में ग्रीन बिल्डिंग कांग्रेस का आयोजन किया गया। इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल द्वारा हर वर्ष ‘ग्रीन योर स्कूल प्रोग्राम’ के अंतर्गत देश भर से स्कूलों के पंजीकरण आमंत्रित किए जाते हैं। जिसमें इस वर्ष देश से 720 स्कूलों ने इस कार्यक्रम में सहभागिता की थी, जिनमें से प्रथम तीन स्थान पर गुजरात, अरुणाचल प्रदेश और पुडुचेरी के स्कूलों का चयन किया गया।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत 26 नवंबर, 2025 को गुजरात सहित तीन स्कूलों द्वारा इंडियन इंस्टिट्यूशन, मुंबई में जूरी के समक्ष प्रेजेंटेशन दिया गया। राज्य के समग्र शिक्षा विभाग, स्कूल के प्रधानाचार्य बिपिन गोस्वामी तथा शिक्षकों के मार्गदर्शन में तैयार किए गए ग्रीन स्कूल से संबंधित 11 नए विचारों और स्कूल में चल रहे प्रोजेक्ट पर देहगाम तहसील के जीवराजना मुवाड़ा प्राथमिक स्कूल के छात्रों; मीत ठाकोर, यामी ठाकोर और जिग्नेश झाला द्वारा जूरी के समक्ष प्रभावी प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया।
इस ग्रीन अवॉर्ड के लिए स्कूल द्वारा कुल 11 आइडिया दिए गए थे, जिनमें होम मेड जीवामृत, पेपर रिसाइक्लिंग, मूड पेंटिंग, अर्थन पॉट एसी विद होममेड, पोर्टेबल बायोगैस प्लांट, प्लास्टिक फ्री स्कूल, स्मार्ट एनर्जी ऑडिट, ग्रे वाटर सिस्टम, सोलर वोटर पंप, नेकी की दीवार, रेड बुक डेटा जैसे विचार शामिल हैं, जिनका आगामी समय में क्रियान्वयन किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त स्कूल में ऊर्जा, पानी तथा वेस्ट मैनेजमेंट के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। स्कूल में ‘फ्री प्लास्टिक स्कूल, फ्री प्लास्टिक विलेज’ पर कार्य किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2024 में क्लाइमेट चेंज का अवॉर्ड भी इस स्कूल को प्रदान किया गया था। बच्चे स्कूल में चॉकलेट की जगह छोटा पौधा भेंट करते हैं और जब तक वे पढ़ते हैं, तब तक उसका संरक्षण भी स्कूल के बच्चों द्वारा किया जाता हैं।
स्कूल में विभिन्न वेस्ट वस्तुओं से फाइटर प्लेन, सैटेलाइट, पवन चक्की, पृथ्वी का गोलाकार मॉडल (ग्लोब), हाइड्रोपोनिक सिस्टम जैसे अनेक नवीन मॉडल बनाए गए हैं। इसके साथ ही बटरफ्लाई गार्डन की देखभाल तथा किचन गार्डन जैसी सर्जनात्मक प्रवृतियां कर छोटे छात्रों ने शिक्षा के साथ पर्यावरण संरक्षण का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Abhishek Barad