
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (हि.स.)। कमजोर ग्लोबल संकेतों, स्टॉक मार्केट में विदेशी निवेशकों की बिकवाली, अमेरिका के साथ ट्रेड डील को लेकर जारी अनिश्चितता और डॉलर की मांग में तेजी आने के कारण रुपया आज एक बार फिर डॉलर के मुकाबले और भी निचले स्तर पर पहुंच गया है।मुद्रा बाजार में बने नकारात्मक माहौल के कारण रुपया आज डॉलर की तुलना में बड़ी गिरावट का शिकार हो गया। भारतीय मुद्रा आज डॉलर की तुलना में 23 पैसे फिसल कर 91.01 (अनंतिम) के स्तर पर बंद हुई। इसके पहले पिछले कारोबारी दिन सोमवार को भारतीय मुद्रा 29 पैसे की कमजोरी के साथ 90.78 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुई थी।
रुपये ने आज के कारोबार की शुरुआत भी गिरावट के साथ की थी। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में भारतीय मुद्रा ने आज सुबह डॉलर के मुकाबले 9 पैसे की कमजोरी के साथ 90.87 रुपये के स्तर से कारोबार की शुरुआत की थी। आज का कारोबार शुरू होने के बाद रुपया कुछ देर के लिए रिकवरी के मूड में भी नजर आया और डॉलर के मुकाबले उछल कर 90.76 के स्तर तक पहुंच गया। रुपये की तेजी अधिक देर तक टिक नहीं सकी। मुद्रा बाजार में डॉलर की मांग बढ़ते ही रुपये पर दबाव भी बढ़ने लगा, जिसकी वजह से भारतीय मुद्रा अभी तक के सबसे निचले स्तर 91.14 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच गई। हालांकि दिन के दूसरे सत्र में डॉलर की मांग में कमी आने पर रुपये ने डॉलर के मुकाबले निचले स्तर से करीब 13 पैसे की रिकवरी करके 91.01 (अनंतिम) के स्तर पर आज के कारोबार का अंत किया।
मुद्रा बाजार के आज के कारोबार में रुपये ने डॉलर के साथ ही ज्यादातर दूसरी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले भी कमजोर प्रदर्शन किया। आज के कारोबार के बाद ब्रिटिश पौंड (जीबीपी) की तुलना में रुपया 60.10 पैसे की कमजोरी के साथ 122.06 (अनंतिम) के स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह यूरो की तुलना में रुपया आज 46.17 पैसे की गिरावट के साथ 107.01 (अनंतिम) के स्तर पर पहुंच कर बंद हुआ।
खुराना सिक्योरिटीज एंड फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ रवि चंदर खुराना के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था में जारी हलचल और अमेरिका के साथ प्रस्तावित ट्रेड डील को लेकर बनी अनिश्चितता के कारण विदेशी निवेशक लगातार भारत से अपने पैसे की निकासी में लगे हुए हैं। इसकी वजह से मुद्रा बाजार में डॉलर तथा दूसरी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं की मांग में तेजी का रुख बना हुआ है। इसका परिणाम भारतीय मुद्रा रुपये की कमजोरी के रूप में सामने आ रहा है।
खुराना का कहना है कि ट्रेड डील के संबंध में भारत की ओर से दिए गए प्रस्तावों पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सहमत नहीं होने की वजह से विदेशी निवेशकों में बेचैनी बनी हुई है। यही कारण है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक लगातार भारत से अपने पैसे की निकासी करने में लगे हुए हैं, जिसकी वजह से रुपये पर लगातार दबाव बना हुआ है। उनका मानना है कि अगर भारतीय रिजर्व बैंक ने जल्दी हस्तक्षेप नहीं किया तो आने वाले दिनों में रुपया डॉलर के मुकाबले 92 रुपये के स्तर को भी पार कर सकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक