
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) से स्वीकृत प्रो रेसलिंग लीग (पीडब्ल्यूएल) ने अपने पांचवें सीजन से पहले अपने नए आधिकारिक लोगो का अनावरण किया। नया लोगो जनवरी, 2026 में प्रतिस्पर्धी एक्शन में वापसी से पहले लीग के पुनरुत्थान और व्यापक पुनर्गठन को दर्शाता है।
नया लॉन्च किया गया लोगो पारंपरिक लाल और नीले कुश्ती मैट से प्रेरित एक आधुनिक और गतिशील प्रतीक है, जो शक्ति, संतुलन और प्रतिस्पर्धात्मक भावना का प्रतीक है। यह केवल एक दृश्य परिवर्तन नहीं है, बल्कि प्रो रेसलिंग लीग के लिए एक पूर्ण रीसेट का प्रतिनिधित्व करता है, जिसने नए स्वामित्व और प्रबंधन के तहत संरचनात्मक और संचालनात्मक स्तर पर बड़े बदलाव किए हैं।
लीग का संचालन अब ओएनओ मीडिया के स्वामित्व और प्रबंधन में किया जा रहा है, जिसका नेतृत्व पार्टनर्स अखिल गुप्ता और दयान फरूकी कर रहे हैं। नया प्रबंधन पुराने ढांचों से हटकर एक पारदर्शी, खिलाड़ी-केंद्रित इकोसिस्टम बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जो पेशेवरता, ईमानदारी और भारतीय कुश्ती में दीर्घकालिक स्थिरता को प्राथमिकता देता है।
पीडब्ल्यूएल का नया मिशन पहलवानों के लिए एक विश्वस्तरीय पेशेवर मंच तैयार करने पर केंद्रित है, जो पारंपरिक अखाड़ों और वैश्विक प्रतिस्पर्धी मंच के बीच की खाई को पाटे। लीग का उद्देश्य खिलाड़ियों को संरचित अवसर, अंतरराष्ट्रीय एक्सपोज़र और एक पेशेवर रूप से संचालित वातावरण प्रदान करना है, साथ ही भारत में कुश्ती के दीर्घकालिक विकास और विश्वसनीयता में योगदान देना है।
इस पुनर्जीवित दृष्टिकोण को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के साथ करीबी सहयोग में लागू किया जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि लीग राष्ट्रीय नियमों और प्रशासनिक मानकों के अनुरूप संचालित हो। यह सहयोग उभरते पहलवानों के लिए पारंपरिक प्रशिक्षण प्रणालियों से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचने का मार्ग मजबूत करेगा।
इस अवसर पर, प्रो रेसलिंग लीग के सीईओ अखिल गुप्ता ने कहा, “नया लोगो प्रो रेसलिंग लीग के भविष्य के हमारे दृष्टिकोण को दर्शाता है — आधुनिक, आक्रामक और विश्वस्तरीय। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह एक नई शुरुआत का प्रतीक है। हम पारदर्शिता, पेशेवरता और दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के माध्यम से खेल और उसके खिलाड़ियों का सम्मान करने वाली लीग बना रहे हैं। अतीत पीछे छूट चुका है और हमारा पूरा ध्यान भारतीय कुश्ती के लिए एक स्थायी इकोसिस्टम तैयार करने पर है।”
प्रो रेसलिंग लीग के चेयरमैन दयान फरूकी ने कहा, “यह लोगो लॉन्च प्रो रेसलिंग लीग के नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। यह पहचान विश्वास, अवसर और महत्वाकांक्षा को दर्शाती है। सात वर्षों के बाद वापसी की तैयारी करते हुए, हमारी प्राथमिकता खिलाड़ियों को इकोसिस्टम के केंद्र में रखना और ऐसी लीग पेश करना है, जिस पर पहलवान, प्रशंसक और सभी हितधारक भरोसा कर सकें।”
प्रो रेसलिंग लीग जनवरी 2026 में शीर्ष भारतीय और अंतरराष्ट्रीय पहलवानों के साथ वापसी करने के लिए तैयार है, जिसमें उच्च-स्तरीय प्रतिस्पर्धा और खेल के विकास को समर्थन देने वाला व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य ढांचा देखने को मिलेगा। नई पहचान और पुनर्कल्पित संरचना के साथ, पीडब्ल्यूएल का लक्ष्य भारत में पेशेवर कुश्ती के एक नए युग की शुरुआत करना है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे