
भोपाल, 24 दिसंबर (हि.स.)। जिस धरती ने कभी सिर्फ अपने जंगलों, किलों और जनजाति संस्कृति के लिए पहचान बनाई थी, आज वही धरती कैमरों की सबसे पसंदीदा लोकेशन बनती जा रही है। भोपाल की झीलें हों, मांडू की ऐतिहासिक गलियां, पचमढ़ी के जंगल हों या कान्हा-बांधवगढ़ के रोमांचक दृश्य, मध्य प्रदेश सिर्फ पर्यटन तक अब सीमित नहीं रहा, वो फिल्मों और वेबसीरीज का भी नया हॉटस्पॉट बन चुका है। वर्ष 2025 में लागू की गई नई फिल्म पर्यटन नीति और नई पर्यटन नीति ने राज्य की छवि ही बदल दी है। नतीजा यह है कि मुंबई से लेकर हैदराबाद और चेन्नई तक के निर्माता-निर्देशक अब शूटिंग के लिए मध्य प्रदेश का रुख कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 2025 को राज्य के लिए टर्निंग पॉइंट बनाने वाला एक फैसला किया और इस दिशा में परिणाम आना शुरू हो गए। एक तरफ नई पर्यटन नीति 2025 लाई गई, तो दूसरी तरफ फिल्म पर्यटन नीति 2025 को मंजूरी दी गई। दोनों नीतियों का साझा उद्देश्य था निवेश को सरल बनाना, स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देना और रोजगार के नए अवसर पैदा करना। यही कारण है कि आज मध्य प्रदेश को सिर्फ “हृदय प्रदेश” नहीं, बल्कि “फिल्म फ्रेंडली स्टेट” भी कहा जाने लगा है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि मध्यप्रदेश फिल्म पर्यटन नीति 2025 से सिनेमा उद्योग, स्थानीय प्रतिभाओं, क्षेत्रीय भाषाओं एवं महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल रहा है। राज्य फिल्म पर्यटन जितना अनुकूल बनेगा, निवेश एवं रोजगार उतने ही ज्यादा बढ़ेंगे।
अक्टूबर 2025 में एक कार्यक्रम में डॉ यादव ने उत्साह से कहा था, मध्यप्रदेश को फिल्म शूटिंग और वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने पर फोकस है। हृदय प्रदेश अब टिंसलटाउन बनेगा, जहां फिल्में बनेंगी और पर्यटन चमकेगा।'' नवंबर 2025 पर्यटन बोर्ड बैठक में उन्होंने नीति को उद्योग दर्जा देते हुए कहा, फिल्म निर्माण को प्रोत्साहन से भोपाल-जबलपुर-कान्हा जैसे क्षेत्र रोजगार हब बनेंगे।
फिल्म एवं वेबसीरीज निर्माता एकता कपूर कहती हैंं, ''मध्य प्रदेश ने एक बेहतरीन नीति की शुरुआत की है।’ मध्य प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला का कहना है कि यह राज्य ‘अतुल्य भारत’ का हृदय है और तेजी से फिल्म निर्माताओं का भी हृदय बनता जा रहा है। उन्होंने बताया कि नीति में सुधार किया गया है, जिसमें प्रोत्साहनों में वृद्धि की गई है तथा बार-बार शूटिंग के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। स्थानीय भाषाओं और स्थानीय प्रतिभाओं का उपयोग करने वाली फिल्मों के साथ-साथ मध्य प्रदेश में शूट की जाने वाली अन्य भारतीय भाषाओं में बनी फिल्मों को भी अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
नई फिल्म पर्यटन नीति 2025 की खासियत
11 फरवरी 2025 को स्वीकृत फिल्म पर्यटन नीति 2025 को पांच वर्षों के लिए लागू किया गया है। इस नीति का साफ लक्ष्य है मध्य प्रदेश को देश का प्रमुख फिल्म हब बनाना। इसके तहत फिल्म सुविधा सेल (एफएफसी) की स्थापना की गई जोकि शूटिंग अनुमति, लोकेशन फीस, पुलिस सुरक्षा, बिजली-पानी और अन्य प्रशासनिक जरूरतों को सिंगल विंडो सिस्टम के तहत उपलब्ध कराता है। पहले जहां निर्माताओं को अलग-अलग विभागों के चक्कर काटने पड़ते थे, अब एक ही पोर्टल से काम हो रहा है।
नीति की सबसे बड़ी खासियत है स्थानीय भाषाओं और विषयों को प्रोत्साहन। मालवी, बुंदेली, निमाड़ी जैसी बोलियों में बनने वाली फिल्मों और महिलाओं-बच्चों से जुड़े विषयों पर आधारित प्रोजेक्ट्स को 10 से 15 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है। इससे स्थानीय संस्कृति को मंच मिला है, क्षेत्रीय कलाकारों और तकनीशियनों को भी रोजगार मिला है।
सब्सिडी प्रावधान: निर्माता क्यों हो रहे आकर्षित
फीचर फिल्मों के लिए यह नीति बेहद आकर्षक साबित हुई है। यदि किसी फिल्म की 75 प्रतिशत शूटिंग मध्य प्रदेश में होती है, तो पहली फिल्म पर 1.5 करोड़ रुपये, दूसरी पर 1.75 करोड़ और तीसरी या उससे अधिक फिल्मों पर 2 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है। वेबसीरीज और सीरियल्स के लिए प्रोडक्शन कॉस्ट का 30-40 प्रतिशत, अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक अनुदान है। डॉक्यूमेंट्री फिल्मों पर 40 लाख, शॉर्ट फिल्मों पर 15 लाख और अंतरराष्ट्रीय फिल्मों या सह-निर्माण पर 10 करोड़ रुपये तक की सहायता दी जा रही है। इसके साथ ही सिनेमा हॉल के निर्माण और अपग्रेडेशन पर भी सरकार सब्सिडी दे रही है, जिससे छोटे शहरों में भी सिनेमा संस्कृति मजबूत हो रही है।
नई पर्यटन नीति 2025: फिल्म और पर्यटन का संगम
21 फरवरी 2025 को मंजूर की गई नई पर्यटन नीति 2025 का लक्ष्य है 50,000 करोड़ रुपये का निवेश और 5 लाख रोजगार। नीति में पर्यटन इकाइयों को 15 से 30 प्रतिशत तक पूंजी अनुदान (अधिकतम 90 करोड़ रुपये) दिया जा रहा है। दुर्गम और जनजाति क्षेत्रों में निवेश पर 5 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान, इको-टूरिज्म, होमस्टे, रिसॉर्ट्स, वाइल्डलाइफ सफारी, और सर्किट पर्यटन को विशेष प्रोत्साहन मिला है।
इस नीति का सीधा फायदा फिल्म इंडस्ट्री को मिला है, क्योंकि बेहतर सड़कें, रिसॉर्ट्स, होटेल्स और लॉजिस्टिक्स सुविधाएं शूटिंग को आसान बना रही हैं। मांडू, भीमबेटका, कान्हा, पचमढ़ी जैसे पर्यटन स्थल अब फिल्मी लोकेशन के रूप में तेजी से उभर रहे हैं। हालांकि वर्ष 2025 के पूरे आंकड़े अभी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन नीति लागू होने के बाद 50 से अधिक प्रोजेक्ट्स की शूटिंग शुरू होने की पुष्टि हुई है। नीति से पहले के पांच वर्षों में राज्य में 350 से अधिक प्रोजेक्ट्स पूरे हो चुके थे, जिनमें 10 से ज्यादा हिंदी फिल्में और 4 वेबसीरीज शामिल थीं।
2025 में शूट, निर्मित प्रमुख फिल्में
2025 में मध्य प्रदेश में जिन फिल्मों की शूटिंग हुई, उनमें प्रमुख नाम हैं-भूल भुलैया 3 (भोपाल और इंदौर लोकेशन), धड़क 2 (पचमढ़ी और आसपास के जंगल), लव की अरेंज मैरेज (जबलपुर क्षेत्र), सिक्सर (ग्रामीण मध्य प्रदेश), युद्ध, जरा हटके जरा बचके, तिवारी जैसी फिल्में। इसके अलावा दक्षिण भारतीय सिनेमा से कई तेलुगु और तमिल फिल्में मध्य प्रदेश में शूट हुईं। पहले से जारी प्रोजेक्ट्स में स्त्री 2 और फुकरे 4 जैसी फिल्मों की निरंतरता भी रही। अनुमान है कि वर्ष 2025 में कुल 25 से 30 फिल्में किसी न किसी रूप में राज्य में बनीं या अब तक शूट हुई हैं।
वेबसीरीज का बढ़ता क्रेज
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए मध्य प्रदेश नई पसंद बनकर उभरा है। 2025 में जिन वेबसीरीज ने खास पहचान बनाई, उनमें- छल कपट (जी5), द रेवोल्यूशनरीज (मांडू में शूट, देशभक्ति थीम), ग्राम चिकित्सालय (प्राइम वीडियो), मंडला मर्डर्स (नेटफ्लिक्स), सिटाडेल: हनी बनी के कुछ हिस्से। बालाजी टेलीफिल्म्स ने राज्य में 50 करोड़ रुपये के निवेश का एमओयू साइन किया, जिसके तहत 5 से 7 नई वेबसीरीज पर काम शुरू हुआ। कुल मिलाकर 2025 में 10 से 15 वेबसीरीज के निर्माण या शूटिंग की बात अभी तक सामने आई है। नई फिल्म पर्यटन नीति और पर्यटन नीति ने मध्य प्रदेश को उत्तर प्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों की कतार में खड़ा कर दिया है। पारदर्शी प्रक्रिया, डिजिटल पोर्टल, उदार सब्सिडी और स्थानीय संस्कृति पर फोकस ने निर्माताओं का भरोसा जीता है। इससे होटल, ट्रांसपोर्ट, स्थानीय कलाकार, तकनीशियन और छोटे व्यवसायों को भी रोजगार मिला है।
वर्ष 2025 मध्य प्रदेश के लिए वह साल साबित हो रहा है, जब राज्य ने खुद को सिर्फ पर्यटन राज्य नहीं, बल्कि फिल्मों और वेबसीरीज की नई राजधानी के रूप में स्थापित करना शुरू कर दिया है। आने वाले वर्षों में अगर यही रफ्तार बनी रही, तो वह दिन दूर नहीं जब “लाइट्स, कैमरा, एक्शन” की आवाज सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में गूंजेगी।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी