नई दिल्ली, 26 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) में आगामी 29 दिसंबर को डॉ. कपिला वत्स्यायन स्मृति व्याख्यान किया जाएगा और उनके संग्रह से वस्त्रों की प्रदर्शनी का उद्घाटन भी होगा।
आईजीएनसीए की शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार यह कार्यक्रम आईजीएनसीए के कला निधि विभाग और संरक्षण विभाग के सहयोग से किया जाएगा। इसका शीर्षक आत्मबोध से विश्वबोध होगा।
गुजरात साहित्य अकादमी के अध्यक्ष एवम सेवानिवृत्त आईएएस डॉ. भाग्येश झा इस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। सत्र की अध्यक्षता आईजीएनसीए ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं हिन्दुस्थान समाचार के समूह संपादक राम बहादुर राय करेंगे।
आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी स्वागत भाषण देंगे जबकि कला निधि विभाग के डीन (प्रशासन) और प्रमुख प्रो. (डॉ.) रमेश चंद्र गौर कार्यक्रम का परिचय देंगे।
स्मृति व्याख्यान से पहले, दोपहर 3:30 बजे आईएनजीसीए के दर्शनम प्रथम और द्वितीय दीर्घाओं में 'अभिव्यक्ति - एक दूरदर्शी के संग्रह से करघे की अभिव्यक्तियाँ' शीर्षक से एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जाएगा। डॉ. कपिला वत्स्यायन के संग्रह से ली गई यह प्रदर्शनी उनके व्यक्तिगत वस्त्र संग्रह का एक दुर्लभ और सूक्ष्म दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।
यह प्रदर्शनी 7 जनवरी 2026 तक सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक जनता के लिए खुली रहेगी।
डॉ. जोशी ने कहा कि 'अभिव्यक्ति' मात्र वस्त्रों का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि एक सुसंगत क्यूरेटोरियल अभिव्यक्ति है जो शोध, संवेदनशीलता और दूरदृष्टि को एक साथ लाती है।
चंद्र गौर ने कहा कि वस्त्र मानव सभ्यता का अभिन्न अंग रहे हैं, जो सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक कथाओं को संजोते हैं।
इस प्रदर्शनी में भारत भर की 50 से अधिक विशिष्ट शिल्प परंपराओं का प्रतिनिधित्व करने वाले 50 से अधिक वस्त्र प्रदर्शित किए गए हैं। इसका संयोजन वस्त्र संग्रहकर्ता और शोधकर्ता सरीका अग्रवाल ने किया है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / श्रद्धा द्विवेदी