वार्षिकी 2025: इस साल महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे साढ़े पांच करोड़ श्रद्धालु, दिल खोलकर किया दान

युगवार्ता    26-Dec-2025
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भगवान महाकाल की भस्म आरती


भगवान महाकाल का राजा स्वरूप में श्रृंगार


- महाकाल मंदिर पर चढ़ाए 13 करोड़ के आभूषण, दान पेटी और शीघ्र दर्शन से हुई एक अरब 7 करोड़ की आयउज्जैन, 26 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इस साल बीते 11 महीनों में 5.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किए हैं।

इस दौरान भक्तों ने मंदिर में दिल खोलकर दान किया है। बाबा महाकाल को भक्तों ने करीब 13 करोड़ रुपये मूल्य के सोना-चांदी के आभूषण चढ़ाए गए हैं, जबकि दान के रूप में और शीघ्र दर्शन व्यवस्था से मंदिर समिति को एक अरब सात करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई है। उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद महाकालेश्वर मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि देखने को मिल है। यहां आने वाले श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन कर दिल खोलकर दान भी करते हैं। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की मानें तो महाकाल लोक बनने से पहले मंदिर में प्रतिदिन 40 से 50 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर रोजाना करीब डेढ़ से दो लाख श्रद्धालुओं तक पहुंच गई है। बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालु सोना-चांदी के साथ-साथ नगदी भी दान कर रहे हैं।

महाकालेश्वर मंदिर समित के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि इस साल एक जनवरी से लेकर 15 दिसंबर तक करीब साढ़े पांच करोड़ श्रद्धालुओं ने महाकाल के दर्शन किए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा, सहज दर्शन की व्यवस्था मंदिर समिति की ओर से की गई है। इस बार भी महाकाल मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में आभूषण और नकद राशि दान की है।

उन्होंने बताया कि इस अवधि में श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल को करीब 13 करोड़ रुपये मूल्य का सोना-चांदी के आभूषण दान किए है, जबकि नकद दान के रूप में 43 करोड़ 43 लाख रुपये मंदिर समिति को प्राप्त हुए हैं। वहीं शीघ्र दर्शन व्यवस्था से मंदिर समिति को करीब 64 करोड़ 50 लाख रुपये की आय हुई है। इस तरह मंदिर समिति को एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्त हुई है। पिछले वर्ष 2024 में भेंट पेटी और शीघ्र दर्शन से महाकाल मंदिर को कुल 92 करोड़ रुपये की आय हुई थी। पिछले साल की तुलना में इस वर्ष करीब 15 करोड़ रुप अधिक दान भगवान महाकाल को प्राप्त हुआ है।

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अनुसार, इस वर्ष अब तक भक्तों द्वारा 1483.621 ग्राम सोना और 592.366 किग्रा चांदी के आभूषण भेंट किए हैं। इन आभूषणों में सोने की कीमत करीब एक करोड़ 82 लाख रुपये और चांदी की कीमत 11 करोड़ 85 लाख रुपये के आसपास है। इस तरह एक वर्ष से भी कम समय में 13 करोड़ रुपये से अधिक का दान सिर्फ आभूषण से ही आया है, जबकि भेंट पेटी और शीघ्र दर्शन से महाकाल मंदिर को 11 माह 15 दिन में एक अरब सात करोड़ 93 लाख रुपये की आय हुई है। अभी 15 दिन शेष हैं, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के महाकाल मंदिर पहुंचने की उम्मीद है। महाकाल मंदिर में अन्य स्रोतों से होने वाली आय जैसे भस्म आरती बुकिंग,अभिषेक पूजन की आय, अन्न क्षेत्र से आय, धर्मशाला बुकिंग आय, फोटोग्राफी मासिक शुल्क आय, भांग एवं ध्वजा बुकिंग से आय, उज्जैन दर्शन बस सेवा से होने वाली आय इसमें शामिल नहीं है।

महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक आशीष फलवाड़िया ने बताया कि सामान्य दिनों में मंदिर दर्शन के रोजाना 1.20 लाख श्रद्धालु आ रहे हैं। सप्ताह के अंतिम दिनों में डेढ़ से पौने दो लाख श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं। क्रिसमस से शुरू हुए वेकेशन में महाकालेश्वर मंदिर में भारी उमड़ रही है। महाकालेश्वर मंदिर में वर्ष के अंतिम दिनों और नए वर्ष के पहले सप्ताह में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। बढ़ती भीड़ को ध्यान में रखते हुए मंदिर समिति ने पहले से श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन के व्यवस्थाओं के लिए 5 जनवरी तक विशेष प्लान तैयार किया था, जो आज से लागू हो गया है। आम दर्शनार्थियों को मानसरोवर द्वार से प्रवेश दिया जा रहा है। यहां से श्रद्धालु बैरिकेड्स से होते हुए टनल में प्रवेश कर गणेश मंडपम् तक पहुंच रहे हैं। दर्शन के बाद उन्हें बड़ा गणेश मंदिर की ओर बने निर्गम मार्ग से बाहर निकाला जा रहा है। शीघ्र दर्शन व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है।

मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल का प्रसाद आसानी से उपलब्ध कराने के लिए मंदिर समिति ने अतिरिक्त प्रसाद काउंटर लगाने का निर्णय लिया है। समिति हर वर्ष की तरह इस बार भी वर्ष के अंतिम दिन और नए वर्ष के पहले दिन मंदिर परिसर में स्थित आठ प्रसाद काउंटरों के अतिरिक्त काउंटर लगाएगी। ये काउंटर बड़ा गणेश मंदिर और विक्रमादित्य टीले के पास सहित अन्य आवश्यक स्थानों पर होंगे। मंदिर समिति 400 रुपये प्रति किलो के भाव से प्रसाद का विक्रय करती है। यह प्रसाद 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और एक किलो के पैक में उपलब्ध रहता है।________________

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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