प्रधानमंत्री ने संथाली भाषा में भारत के संविधान के प्रकाशन की सराहना की

युगवार्ता    26-Dec-2025
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन और केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल गुरुवार को संताली भाषा में भारत के संविधान का औपचारिक लोकार्पण किया करते हुए


नई दिल्ली, 26 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा भारत के संविधान को संथाली भाषा में जारी किए जाने की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इससे संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और लोकतांत्रिक सहभागिता को मजबूती मिलेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति के सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह एक सराहनीय प्रयास है। संथाली भाषा में संविधान से संवैधानिक जागरूकता और लोकतांत्रिक भागीदारी को गहराई मिलेगी। भारत को संताली संस्कृति और राष्ट्रीय प्रगति में संथाली समाज के योगदान पर गर्व है।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को संथाली भाषा में भारत के संविधान का औपचारिक लोकार्पण किया। यह संविधान संथाली भाषा की अलचिकी लिपि में प्रकाशित किया गया है। संथाली भाषा भारत की प्राचीन जीवित भाषाओं में से एक है। इसे संविधान के 92वें संशोधन अधिनियम, 2003 के माध्यम से आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था। यह भाषा मुख्य रूप से झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय द्वारा बोली जाती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार

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