अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10 हजार रन पूरे करने पर बोलीं स्मृति मंधाना-हर मैच की शुरुआत शून्य से होती है

युगवार्ता    29-Dec-2025
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भारतीय सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना


तिरुवनंतपुरम, 29 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार बल्लेबाज़ स्मृति मंधाना ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10 हजार रन पूरे कर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम कर ली है। वह यह मुकाम हासिल करने वाली दूसरी भारतीय और दुनिया की चौथी महिला क्रिकेटर बन गई हैं। मंधाना ने यह कीर्तिमान श्रीलंका के खिलाफ रविवार को पांच मैचों की सीरीज़ के चौथे टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्टेडियम में हासिल किया।

बाएं हाथ की इस बल्लेबाज़ ने इस उपलब्धि के साथ मिताली राज, सूजी बेट्स और चार्लोट एडवर्ड्स जैसे दिग्गजों की सूची में अपना नाम दर्ज कराया। भारतीय खिलाड़ियों में उनसे पहले केवल मिताली राज ही 10 हजार अंतरराष्ट्रीय रन पूरे कर सकी थीं।

तीनों फॉर्मेट में शानदार रिकॉर्ड

टेस्ट क्रिकेट में स्मृति मंधाना ने अब तक 7 मैचों की 12 पारियों में 629 रन बनाए हैं, जिसमें उनका औसत 57.18 का रहा है। इस दौरान उन्होंने 2 शतक और 3 अर्धशतक जड़े हैं। वनडे क्रिकेट में मंधाना ने 117 मैचों में 5,322 रन बनाए हैं। उनका औसत 48.38 का है और उनके नाम 14 शतक व 34 अर्धशतक दर्ज हैं। वह वनडे में छठी सबसे ज़्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाज़ हैं। टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मंधाना ने 157 मैचों की 151 पारियों में 4,102 रन बनाए हैं। इस फॉर्मेट में उनका औसत 29.94, स्ट्राइक रेट 124.22, एक शतक और 32 अर्धशतक हैं। वह टी-20I में दूसरी सबसे ज़्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाज़ हैं।

चौथे टी-20 में शानदार पारी

श्रीलंका के खिलाफ चौथे टी-20 में मंधाना ने 48 गेंदों में 80 रन की शानदार पारी खेली। उन्होंने इस दौरान 11 चौके और 3 छक्के लगाए। उनकी इस पारी की बदौलत भारत ने महिला टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अपना अब तक का सबसे बड़ा स्कोर 221/2 बनाया। जवाब में भारतीय महिला टीम ने लक्ष्य का सफलतापूर्वक बचाव करते हुए श्रीलंका को 30 रन से हरा दिया। कप्तान हरमनप्रीत कौर की अगुवाई में भारत ने सीरीज़ में 4-0 की अजेय बढ़त बना ली।

10 हजार रन पूरे करने के बाद स्मृति मंधाना ने कहा, “क्रिकेट में हर बार आपको शून्य से शुरुआत करनी होती है। स्कोरबोर्ड हमेशा 0/0 से शुरू होता है। यह कभी मायने नहीं रखता कि आपने पिछले मैच या पिछली सीरीज़ में क्या किया है।”

उन्होंने आगे कहा कि तीनों फॉर्मेट में उनकी मानसिकता अलग-अलग रहती है। उन्होंने कहा,“टी-20 में आप खुद पर ज़्यादा सख्त नहीं हो सकते, क्योंकि यहां खेल की रफ्तार तेज़ होती है। कुछ दिन आपके होते हैं और कुछ दिन नहीं, लेकिन वनडे और टेस्ट में मैं खुद पर काफ़ी सख्त रहती हूं, क्योंकि वहां आपके पास समय होता है और जल्दी आउट होना मुझे गलत लगता है।”

मंधाना ने कहा कि भारतीय महिला क्रिकेट के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 का खिताब जीतना रहा। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इस साल टीम ने उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन युवा टीम लगातार सुधार की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा, “हमारी टीम अभी युवा है और वर्क इन प्रोग्रेस है। जीत ज़रूरी है, लेकिन सिर्फ सफलता के बारे में सोचना सही नहीं। हार से भी सीख मिलती है।”

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे

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