

इंदौर, 30 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के भागीरथपुरा क्षेत्र में सोमवार को दूषित पानी पीने से 35 से ज्यादा लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इन लोगों में दो साल के बच्चे से लेकर 80 साल की बुजुर्ग महिला भी है। इनमें से एक नंदलाल पाल (75) की मंगलवार सुबह वर्मा हॉस्पिटल में मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि यह मौत कॉर्डियक अरेस्ट से हुई। हालांकि, उन्हें दूषित पानी पीने से तबीयत बिगड़ने के बाद भर्ती कराया गया था। परिजनों ने इनके निधन की पुष्टि की है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मामले का तत्काल संज्ञान लिया और प्रशासन को जरूरी निर्देश दिए। सोमवार रात नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और माहपौर पुष्यमित्र भार्गव अस्पताल पहुंचे और मरीजों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि सभी के इलाज का खर्च प्रशासन वहन करेगा और जिन लोगों ने पहले पैसे जमा करा दिए हैं, उन्हें वापस किए जाएंगे। शुरुआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि वार्ड और आसपास के क्षेत्रों में हो रही खुदाई या टंकी के दूषित पानी के कारण यह स्थिति बनी है। इलाके में नर्मदा का पानी सप्लाई होता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि तीन-चार दिन पहले भागीरथपुरा क्षेत्र में नर्मदा लाइन से जो पानी वितरित हुआ था उसमें केमिकल और पेट्रोल की बदबू आ रही थी। उन्होंने इसकी शिकायत भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। संभवत: इसी दूषित पानी को पीने से उनकी तबीयत बिगड़ी है। वार्ड 11 के पार्षद कमल वाघेला ने बताया कि लोगों के बीमार पड़ने का सिलसिला रविवार रात से ही शुरू हो गया था। सोमवार को देर शाम तक 27 से ज्यादा लोग वर्मा नर्सिंग होम, त्रिवेणी अस्पताल, बीमा अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में भर्ती होकर उपचार ले रहे थे। वर्मा हॉस्पिटल में मंगलवार को पांच नए मरीज आए हैं, जबकि दो को डिस्चार्ज किया गया है। अभी यहां 20 मरीज भर्ती हैं। मरीजों के आने का सिलसिला जारी है। अन्य को त्रिवेणी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि इन सभी की स्थिति नियंत्रित और खतरे से बाहर है।
पार्षद कमल वाघेला ने बताया कि सोमवार को बीमारों की संख्या अचानक बढ़ गई। हमने कलेक्टर कार्यालय और निगम मुख्यालय को इसकी सूचना दी। कुछ देर बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बीमारों का उपचार शुरू किया। डॉक्टरों ने 50 से ज्यादा लोगों को दवाई देकर घर भेज दिया। उल्टी-दस्त की शिकायत लेकर आने वालों का सिलसिला जारी रहा।
इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा का कहना है कि भागीरथपुरा क्षेत्र में कुछ लोगों को उल्टी-दस्त होने की सूचना मिली है। 27 मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। संबंधित क्षेत्र में पानी की सैंपलिंग की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग, निगम व प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची है। अभी मरीजों के बीमार होने का कारण स्पष्ट नहीं है। जांच के बाद ही असली कारण पता चलेगा।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि सूचना मिलते ही नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। टीम ने अलग-अलग स्थानों से पानी के सैंपल लिए हैं। जिस टंकी से क्षेत्र में पानी वितरित होता है उसकी भी जांच की, लेकिन वहां सबकुछ सही मिला। पानी के सैंपल की जांच रिपोर्ट आज आएगी। इसके बाद ही उल्टी-दस्त की वजह पता चल सकेगी।
नगर निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव ने प्रभावित क्षेत्र में किए जा रहे निर्माण कार्यों के आस-पास की जल वितरण लाइनों को भी चेक करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कॉटन अड्डा से भागीरथपुरा पेयजल टंकी के बीच मेन लाइन को चेक करते हुए, भागीरथपुरा पेयजल टंकी को जिस मेन लाइन से भरा जाता है, उस लाइन के आस-पास पिछले दिनों में किसी भी तरह की खुदाई या लाइन डालने या कोई काम तो नहीं हुआ, इसकी जानकारी जुटाने को कहा है। ----------
हिन्दुस्थान समाचार