

- मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि, मुख्यमंत्री ने दिए बीमार लोगों के समुचित उपचार के निर्देश
भोपाल, 30 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के भागीरथपुरा इलाके में सोमवार को दूषित पानी पीने से 35 से ज्यादा लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इन लोगों में मंगलवार को तीन लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है, साथ ही बीमार लोगों के समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि इंदौर शहर के भागीरथपुरा क्षेत्र में हुई घटना बेहद दुखद है। उन्होंने मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उपचाररत प्रभावितों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। इसके साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि मरीजों के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। पेयजल के संक्रमित या दूषित होने के कारण नागरिकों का स्वास्थ्य बिगड़ने की स्थिति पर नजर रखने और प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश यथा समय संबंधित अधिकारियों को दिए गए।
भागीरथपुरा की घटना पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रभावितों के समुचित और गुणवत्तापूर्ण इलाज के दिये निर्देश दिए। उन्होंने घटना को गंभीरता से लेते हुए इंदौर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी प्रभावितों का समुचित, त्वरित और गुणवत्तापूर्ण उपचार सुनिश्चित किया जाए।
उपचार में कोई कमी न रहेमुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि उपचार व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कमी न हो, इस संबंध में पूर्व में ही निर्देश दे दिए गए हैं। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि पीड़ितों को आवश्यक दवाइयां, विशेषज्ञ चिकित्सकीय सेवाएं और सभी जरूरी संसाधन तत्काल उपलब्ध करवाई जाएं, जिससे किसी भी मरीज को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
प्रशासन द्वारा सतत निगरानीइंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया कि इंदौर जिला प्रशासन द्वारा सतत निगरानी रखी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग को उपचार की नियमित समीक्षा करने के निर्देश भी दिए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशों के बाद इंदौर प्रशासन और स्वास्थ्य अमला पूरी तत्परता के साथ उपचार में जुटा हुआ है। घटना के कारण पता करने के लिए विस्तृत जांच करवाई जा रही है।
मृतकों में भागीरथपुरा निवासी नंदलाल पाल (75) समेत दो महिलाएं शामिल हैं। नंदलाल ने मंगलवार सुबह वर्मा वर्मा नर्सिंग होम में दम तोड़ा। उनको 28 दिसंबर को उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उनकी मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट को बताया। उन्होंने कहा कि मेडिकल हिस्ट्री में सामने आया है कि नंदलाल को ब्लड प्रेशर की समस्या थी और वे नियमित दवा नहीं लेते थे। कार्डियक अरेस्ट की आशंका इसी वजह से बनी। लेकिन परिजन का दावा है कि दूषित पानी पीने के बाद ही उनकी हालत बिगड़ी। वहीं, जान गंवाने वाली महिलाओं के परिजन का कहना है कि पानी पीने के बाद अचानक तबीयत खराब हुई, जिसके बाद उनकी मौत हो गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि तीन-चार दिन पहले भागीरथपुरा क्षेत्र में नर्मदा लाइन से जो पानी वितरित हुआ था उसमें केमिकल और पेट्रोल की बदबू आ रही थी। उन्होंने इसकी शिकायत भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। संभवत: इसी दूषित पानी को पीने से उनकी तबीयत बिगड़ी है। वार्ड 11 के पार्षद कमल वाघेला ने बताया कि लोगों के बीमार पड़ने का सिलसिला रविवार रात से ही शुरू हो गया था। सोमवार को देर शाम तक 27 से ज्यादा लोग वर्मा नर्सिंग होम, त्रिवेणी अस्पताल, बीमा अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में भर्ती होकर उपचार ले रहे थे। वर्मा हॉस्पिटल में मंगलवार को पांच नए मरीज आए हैं। अभी यहां 20 मरीज भर्ती हैं। मरीजों के आने का सिलसिला जारी है। अन्य को त्रिवेणी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि इन सभी की स्थिति नियंत्रित और खतरे से बाहर है।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिस वाटर पाइप लाइन के काम का टेंडर सातवें महीने में लग गया था, उसमें आखिर विलंब क्यों हुआ...यह जांच का विषय है। भार्गव ने निगम आयुक्त को निर्देशित किया है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष और विस्तृत जांच कराई जाए, ताकि लापरवाही के कारणों का पता लगाया जा सके। दोषियों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर