
भोपाल, 31 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश पर्यटन को वर्ष 2025 में राष्ट्रीय और वैश्विक मानचित्र पर नई पहचान दिलाने के उद्देश्य से पीएमश्री पर्यटन वायु सेवा एवं पीएमश्री पर्यटन हेली सेवा जैसी अभिनव पहलों की शुरुआत की गई, जिससे प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों की कनेक्टिविटी को सशक्त बनाया गया है। इन पहलों ने पर्यटकों के लिए यात्रा को सुगम बनाने के साथ निवेश और रोजगार के नए अवसर सृजित किए हैं।
ग्रामीण पर्यटन को सशक्त करते हुए विगत दो वर्षों में 400 से अधिक होम स्टे प्रारंभ किए गए, जो ग्रामीण आजीविका को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण सिद्ध हो रहे हैं। सरकार का लक्ष्य आगामी समय में 1000 होम स्टे विकसित करने का है। वहीं, रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव और मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट जैसे आयोजनों के माध्यम से लगभग 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिसने पर्यटन क्षेत्र में निजी निवेश को नई गति दी।
धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के क्षेत्र में ओंकारेश्वर को अद्वैत लोक के रूप में विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची प्रतिमा की स्थापना के पश्चात अद्वैत लोक के द्वितीय चरण हेतु 2424 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसी का परिणाम है कि वर्ष 2024 में प्रदेश में 14 करोड़ से अधिक पर्यटकों का आगमन हुआ और पर्यटक संख्या में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में प्रदेश में संग्रहालयों की नई श्रृंखला विकसित की जा रही है। उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर, सागर, पन्ना, जबलपुर और महेश्वर सहित कई नगरों में विशिष्ट संग्रहालयों का निर्माण प्रगति पर है। इसके साथ ही, श्रीरामचंद्र वनगमन पथ और श्रीकृष्ण पाथेय जैसी योजनाओं ने धार्मिक पर्यटन को नई दिशा दी है।
वर्ष 2025 में मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। समावेशी और सुरक्षित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 50 हजार महिलाओं और बालिकाओं को प्रशिक्षित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। आगामी वर्षों में प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन का योगदान 10 प्रतिशत तक बढ़ाने के लक्ष्य के साथ 500 नए होटल, 20 हजार कक्ष और 500 मार्ग सुविधा केंद्र विकसित किए जाने की योजना है। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के लिए वर्ष 2025 उपलब्धियों, निवेश और नवाचारों का ऐसा वर्ष रहा, जिसने प्रदेश को भारत के अग्रणी पर्यटन राज्यों की श्रेणी में और अधिक सुदृढ़ किया है।
इस संबंध में एमपी टूरिज्म बोर्ड के जनसंपर्क अधिकारी अनुराग उईके का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप देश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में हो रहे सतत प्रयासों के बीच, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में राज्य ने वर्ष 2025 में पर्यटन, संस्कृति और निवेश के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित की हैं। पर्यटन, संस्कृति एवं धार्मिक न्यास और धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी तथा अपर मुख्य सचिव पर्यटन, संस्कृति, गृह एवं धार्मिक न्यास और धर्मस्व शिव शेखर शुक्ला के कुशल नेतृत्व में मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के लिए वर्ष 2025 नवाचारों, विस्तार और निवेश आधारित विकास का एक महत्वपूर्ण वर्ष रहा है।
मुख्य उपलब्धियां
एयर टूरिज्म में नवाचार
पीएम श्री वायु पर्यटन सेवा - सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) के तहत “पीएमश्री पर्यटन वायु सेवा” के अंतर्गत मेसर्स Jet Serve Aviation Pvt. Ltd के साथ अनुबंध निष्पादित। मध्यप्रदेश के प्रमुख 8 शहरों इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सिंगरौली, खजुराहो एवं उज्जैन शहरों के मध्य वायु सेवा का संचालन प्रारंभ। वेबसाइट www.flyola.in / https://www.air.irctc.co.in/ पर ऑफर, शेड्यूल और किराया, टिकट बुकिंग की जा सकती है।
पीएम श्री पर्यटन हेली सेवा - पीएम श्री पर्यटन हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन लोक निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर सेक्टर-1 में मेसर्स ट्रांस भारत एविएशन, सेक्टर-2 एवं सेक्टर-3 में मेसर्स जेट सर्व एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ तीन वर्ष के लिये अनुबंध निष्पादित। सेवा का शुभारंभ 01 नवंबर 2025 को हुआ। हेलीकॉप्टर का संचालन तीन सेक्टरों में, सेक्टर-1 में इंदौर, उज्जैन, ओंकारेश्वर के मध्य, सेक्टर-2 में भोपाल, मढई, पचमढ़ी के मध्य, सेक्टर-3 में जबलपुर, मैहर, चित्रकूट, कान्हा, बांधवगढ़, अमरकंटक के मध्य।
विश्व धरोहर विस्तार
वर्ष 2025 में मध्यप्रदेश के 15 और स्थलों को यूनेस्को की टेंटेटिव लिस्ट में शामिल किया गया, जो दर्शाता है कि राज्य की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विविधता विश्व मानकों पर खरा उतरती है। भारत के कुल 69 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में से 18 विरासत स्थल मध्यप्रदेश में हैं। भारत सरकार की यूनेस्को नोडल एजेंसी संगीत नाटक अकादमी द्वारा मध्यप्रदेश की तीन विरासतों भगोरिया आदिवासी नृत्य, गोंड आदिवासी चित्रकला (पाटनगढ़) एवं नर्मदा परिक्रमा को 'राष्ट्रीय अमूर्त सांस्कृतिक विरासत' की सूची में सम्मिलित किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत