वार्ष‍िकी-2025 : ‘लोकपथ मोबाइल ऐप’ बना जनता और सरकार के बीच का सेतु, चार दिन में सड़क मरम्मत से बदली मध्य प्रदेश की तस्वीर

युगवार्ता    31-Dec-2025
Total Views |
लोकपथ ऐप


भोपाल, 31 दिसंबर (हि.स.)। साल 2025 मध्य प्रदेश के लिए सुशासन, तकनीक और जनभागीदारी का अहम वर्ष बनकर उभरा है। इस वर्ष राज्य सरकार ने कई डिजिटल पहल शुरू की गई हैं। इनमें लोक निर्माण विभाग का ‘लोकपथ मोबाइल ऐप’ एक ऐसी व्यवस्था के रूप में सामने आया है, जिसने आम नागरिक और विभाग के बीच की दूरी लगभग खत्म कर दी है। सड़क जैसी बुनियादी सुविधा जो आम जनजीवन से सीधे जुड़ी है, उसके रख-रखाव और मरम्मत को लेकर वर्षों से चली आ रही शिकायतों को इस ऐप ने एक निश्‍चित समयसीमा में बांध दिया है।

“लोकपथ मोबाइल ऐप” की शुरुआत भले ही 2 जुलाई 2024 को हुई थी, लेकिन इसका वास्तविक असर वर्ष 2025 में दिखाई दिया। इस साल यह ऐप पूरी तरह जनता के बीच लोकप्रिय हुआ और लोगों ने इसे सड़क समस्याओं के समाधान का भरोसेमंद माध्यम माना। गड्ढों वाली सड़कें, टूटे मार्ग, उखड़ी डामर सतह या बारिश से खराब हुई सड़कों की तस्वीरें अब फाइलों में सिमटी नहीं रहीं हैं। वे सीधे मोबाइल ऐप के माध्यम से विभाग तक पहुंचने लगीं। परिणामस्वरूप शिकायतें दबने के बजाय अब उन पर कार्रवाई हाेने लगी।

वर्ष 2025 में लोकपथ ऐप की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि सड़क मरम्मत की समयसीमा को चार दिनों के भीतर सुनिश्चित किया गया। पहले जहां शिकायतों पर कार्रवाई में हफ्तों या महीनों लग जाते थे, वहीं अब तकनीक आधारित मॉनिटरिंग के चलते अधिकारियों को जवाबदेह बनाया गया। शिकायत दर्ज होते ही उसका स्थान, फोटो और विवरण संबंधित अधिकारी तक पहुंच जाता है और उसकी निगरानी भी डिजिटल रूप से होती है। कार्य की गति बढ़ी, गुणवत्ता पर भी नजर रखी जाने लगी।

लोक निर्माण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में लोकपथ ऐप के माध्यम से 11 हजार से अधिक शिकायतों का सफल निराकरण किया गया। शहरी इलाकों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज हुईं, जिससे यह साफ हुआ कि ऐप का उपयोग शहरों तक सीमित नहीं है, दूरदराज के नागरिकों तक भी इसकी पहुंच बन गई है। इस संबंध में विभाग के मंत्री राकेश सिंह का कहना है, लोक निर्माण सर्वेक्षण मोबाइल ऐप के माध्यम से अब तक 68,315 किमी की 10,778 सड़कों, 2,633 भवनों, 1,320 पुलों, 503 लोक कल्याण सरोवरों और 314 पौधरोपण स्थलों की डिजिटल मैपिंग पूरी की जा चुकी है, जिससे परिसंपत्तियों का सटीक और पारदर्शी प्रबंधन संभव हुआ है।

लोकपथ ऐप ने 2025 में विभागीय कार्यसंस्कृति में भी बड़ा बदलाव किया। अब सड़क मरम्मत रियल-टाइम फीडबैक से जुड़ गई है। नागरिक खुद देख सकते हैं कि उनकी शिकायत किस स्तर पर है, कब कार्य शुरू हुआ और कब पूरा हुआ। यह पारदर्शिता ही इस ऐप की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी है।

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह “लोकपथ ऐप” को विभाग के लिए “गेम-चेंजर” बताते हैं, उनका कहना है, “यह सिर्फ एक मोबाइल एप्लिकेशन नहीं, बल्कि जन-उत्तरदायित्व की नई प्रणाली है।” उनके अनुसार, “लोकपथ ऐप के जरिए आम नागरिक सीधे विभाग से जुड़ा है। इससे सड़क सुधार कार्यों में पारदर्शिता आई है और चार दिनों के भीतर मरम्मत सुनिश्चित हो पा रही है। 11 हजार से ज्यादा शिकायतों का निराकरण इस बात का प्रमाण है कि तकनीक का सही उपयोग कैसे जनता को राहत दे सकता है।”

वर्ष 2025 में लोकपथ ऐप को और प्रभावी बनाने के लिए इसमें नए आयाम जोड़े गए। दुर्घटना-संभावित ब्लैक स्पॉट्स की पहचान, प्रमुख मार्गों पर सतर्कता सूचनाएं, और भविष्य में यात्री सुविधाओं से जुड़ी जानकारियां जोड़ने की तैयारी ने इसे केवल शिकायत ऐप से आगे बढ़ाकर एक स्मार्ट रोड मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म की दिशा में अग्रसर किया। इससे मरम्मत के साथ ही सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव की उम्मीद बनी।

ग्रामीण इलाकों में “लोकपथ ऐप” का असर खास तौर पर देखने को मिला। जहां पहले ग्रामीण सड़कों की शिकायतें प्राथमिकता में पीछे रह जाती थीं, वहीं 2025 में डिजिटल रिकॉर्ड के चलते उन्हें भी बराबर महत्व मिला। इससे ग्रामीण आवागमन, कृषि परिवहन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी अप्रत्यक्ष रूप से लाभ हुआ।

इस तरह से इस एप की अनेक उपलब्‍ध‍ियों को देखते हुए कहना होगा कि वर्ष 2025 में “लोकपथ मोबाइल ऐप” मध्य प्रदेश में डिजिटल गवर्नेंस और जनभागीदारी का मजबूत उदाहरण बनकर उभरा। इसने साबित किया कि यदि तकनीक को सही नीयत और स्पष्ट लक्ष्य के साथ लागू किया जाए तब वह जरूर आम नागरिक की छोटी सी शिकायत के आधार पर बड़े बदलाव का कारण बन सकती है। चार दिन में सड़क मरम्मत, हजारों शिकायतों का समाधान और विभागीय जवाबदेही ये सभी मिलकर “लोकपथ ऐप” को 2025 की एक प्रभावशाली और सफल सरकारी पहल के रूप में स्थापित करते हैं।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी

Tags