
चमोली, 31 दिसंबर (हि. स.)। उत्तराखंड के चमोली जनपद के पीपलकोटी स्थित निर्माणाधीन टीएचडीसी विष्णुगाड–पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना की सुरंग में मंगलवार रात शिफ्ट परिवर्तन के दौरान मजदूरों को लाने-ले जाने वाली दो लोको ट्रॉलियों की आपस में टक्कर हो गई। घटना के समय सुरंग के भीतर 109 श्रमिक मौजूद थे। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस घटना का भारतीय रेलवे से कोई संबंध नहीं है।
सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी चमोली से फोन पर वार्ता कर पूरी जानकारी ली और सभी घायलों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने तथा आवश्यकता पड़ने पर उच्च चिकित्सालयों में रेफर करने के निर्देश दिए। हादसे की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी चमोली गौरव कुमार एवं पुलिस अधीक्षक सुरजीत सिंह पंवार जिला अस्पताल गोपेश्वर पहुंचे। उन्होंने वहां भर्ती घायलों से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना और चिकित्सकों को समुचित एवं बेहतर उपचार के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी गौरव कुमार ने बताया कि 70 श्रमिकों को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय गोपेश्वर लाया गया, जिनमें से 66 को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है, जबकि चार श्रमिकों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। पीपलकोटी स्थित विवेकानंद चिकित्सालय में 18 श्रमिकों का प्राथमिक उपचार कर उन्हें घर भेज दिया गया। वहीं 21 श्रमिकों को कोई चोट नहीं आई और वे घटना स्थल से ही घर लौट गए।
प्रशासन ने पुनः स्पष्ट किया है कि यह हादसा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की सुरंग के निर्माण के दौरान हुआ, जहां मजदूरों के लिए लोकल स्तर पर इस्तेमाल की जा रही ट्रॉलियां आपस में टकराईं। समाचार चैनलों में जिस ट्रेन का उल्लेख किया जा रहा है, वह भारतीय रेलवे की नहीं है, बल्कि परियोजना टीम की अपनी परिवहन व्यवस्था है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार