

- एक्सीलेंस इन कैपेसिटी बिल्डिंग ऑफ लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसी में प्राप्त हुआ प्रथम पुरस्कार
भोपाल, 06 दिसम्बर (हि.स.)। साइबर सुरक्षा और डिजिटल अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए मध्य प्रदेश राज्य साइबर पुलिस को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित डीएससीआई (भारतीय डेटा सुरक्षा परिषद) पुरस्कार 2025 प्रदान किया गया है। यह सम्मान मध्य प्रदेश साइबर पुलिस को नई दिल्ली में शनिवार को आयोजित वार्षिक समारोह में “कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता निर्माण में उत्कृष्टता” (Excellence in Capacity Building of Law Enforcement Agencies) श्रेणी में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर प्रदान किया गया है। इस श्रेणी में मध्य प्रदेश सायबर पुलिस की प्रतिस्पर्धा केरल, गोवा और नार्थ ईस्ट पुलिस अकादमी से थी।
यह पुरस्कार नेशनल साइबर सिक्योरिटी कोऑर्डिनेटर (पीएमओ) नवीन कुमार सिंह द्वारा प्रदान किया गया, जिसे राज्य साइबर पुलिस की ओर से अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ए. साई मनोहर के निर्देशन में डीआईजी साइबर शियास ए, सउनि महेंद्र सिंह राजपूत एवं आरक्षक अतुल श्रीवास्तव ने ग्रहण किया। मप्र के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा ने इस सफलता पर राज्य सायबर पुलिस की पूरी टीम को बधाई दी हैं।
भारतीय डेटा सुरक्षा परिषद (डीएससीआई), नैसकॉम द्वारा स्थापित भारत की अग्रणी संस्था है, जो साइबर सुरक्षा, गोपनीयता संरक्षण और डिजिटल सेफ्टी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करती है।
राष्ट्रीय स्तर पर मिली पहचान
जनसम्पर्क अधिकारी राजेश दाहिमा ने बताया कि पिछले दो वर्षों में मध्य प्रदेश साइबर पुलिस ने अत्याधुनिक तकनीक अपनाने, उन्नत जांच प्रथाएं विकसित करने, अधिकारियों की क्षमता वृद्धि, साइबर फोरेंसिक को सुदृढ़ करने एवं व्यापक जन-जागरूकता अभियानों के माध्यम से उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं। राज्य साइबर पुलिस ने सायबर हाईटेक पुलिस स्टेशन, ज़ोनल साइबर ऑफिस, जिला साइबर नोडल नेटवर्क, आधुनिक साइबर फोरेंसिक लैब तथा 13 क्षेत्रीय फॉरेंसिक इकाइयाँ स्थापित कर साइबर अपराध नियंत्रण की डिजिटल बुनियाद को मजबूत किया है। इन पहलों से न केवल अपराध अन्वेषण की गति और सटीकता में वृद्धि हुई है, बल्कि नागरिकों के डिजिटल सुरक्षा तंत्र को भी सशक्त आधार मिला है।
प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण
जनसम्पर्क अधिकारी के अनुसार, वर्ष 2024–2025 के दौरान साइबर पुलिस ने अधिकारी प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कदम उठाए हैं। इस अवधि में 3,364 पुलिस अधिकारियों, 100 न्यायिक एवं अभियोजन अधिकारियों तथा 248 शासकीय अधिकारियों को साइबर अपराध अन्वेषण, डिजिटल साक्ष्य विश्लेषण, ऑनलाइन सुरक्षा, साइबर अपराध एवं डिजिटल विधि प्रणाली का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त, राज्य साइबर पुलिस द्वारा आयोजित साइबर अपराध जांच एवं खुफिया शिखर सम्मेलन (सीआईआईएस) में देश-विदेश के हजारों प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया।
जन-जागरूकता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रयास
बताया गया कि राज्य साइबर पुलिस ने नागरिकों को डिजिटल सुरक्षा से जोड़ने के लिए अनेक नवाचार आधारित अभियान चलाए। वर्ष 2024–25 में प्रदेशभर में 18 हजार 688 साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनके माध्यम से लगभग 52 लाख 83 हजार 472 नागरिकों को जागरूक किया गया। इनमें विद्यार्थी, महिलाएँ, बुजुर्ग, कर्मचारी और आमजन शामिल थे। “सेफ क्लिक” और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह (एनसीएसएएम) जैसे अभियानों ने डिजिटल सुरक्षा को प्रदेशव्यापी जन आंदोलन का स्वरूप दिया।
शैक्षणिक सहयोग और इंटर्नशिप कार्यक्रम
जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि राज्य साइबर पुलिस द्वारा प्रतिवर्ष साइबर लॉ, फोरेंसिक और साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों के लिए फ्री इंटर्नशिप कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसमें प्रदेशभर से चयनित छात्र व्यवहारिक प्रशिक्षण प्राप्त कर वास्तविक साइबर जाँच प्रक्रियाओं का अनुभव प्राप्त करते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर