रूसी प्रतिनिधिमंडल शैक्षणिक यात्रा पर काशी पहुंचा

युगवार्ता    09-Dec-2025
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रूसी दल संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में


वाराणसी, 09 दिसंबर (हि.स.)। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ पिछले सप्ताह भारत के आधिकारिक दौरे पर आया प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को शैक्षणिक यात्रा पर वाराणसी पहुंचा। रूसी दल ने सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के श्रमण विद्या संकाय के कार्यक्रम में भागीदारी की। कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने उनका गर्मजोशी से स्वागत और अभिनन्दन किया।

प्रतिनि​धिमंडल का नेतृत्व कर रहे रूस में स्थित काल्मिक यूनिवर्सिटी, काल्मिकिया, एलिस्टा के कुलपति प्रो बतिर एलिस्टेव ने भी परिसर में आने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि यहां आकर भारतीय ज्ञान परम्परा के आलोक में सनातन धर्म संस्कृति को जानने की उत्सुकता की पूर्ति हुई। दुनियां के प्राचीन शहर काशी में स्थित इस प्राचीन शैक्षणिक संस्था में सुखद अनुभव हुआ। यदि भारत को जानना है तो देववाणी संस्कृत के अन्दर निहित ज्ञानराशि को समझना होगा। यहीं भारतीय संस्कृति, संस्कार एवं भारतीयता का संपूर्ण सार है।

कुलपति प्रो.शर्मा ने कहा कि आज विश्व में दो विद्वत शक्ति(भारत व रूस) मिलकर मानवता एवं सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने तथा विश्व को मानवता के पथ पर ले चलने के लिए वचनबद्ध हैं। रूस, भारत के साथ सात दशक से निरन्तर नि:स्वार्थ भाव से सहोदर भ्राता के रूप में मैत्री परम्परा को आगे बढ़ाते हुए अहर्निश खड़ा हैं। प्रो.शर्मा ने कहा कि रूसी प्रतिनिधिमंडल की शैक्षणिक यात्रा दो संस्कृतियों का स्पंदन है। जहां उन्होंने भारतीय ज्ञान परम्परा और सनातन धर्म संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त की। यह संस्था भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए स्थापित है। यह भारत की आत्मा का साक्षात्कार है। जो भारतीय संस्कृति और ज्ञान परम्परा को विश्वभर में प्रसारित किया जा रहा है।श्रमण विद्या संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. रमेश प्रसाद ने कहा कि आज रूसी प्रतिनिधिमंडल ने पाली एवं संस्कृत के परस्पर गूढ़ रहस्यों के साथ दोनों देश की संस्कृतियों को समझा।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन 4 एवं 5 दिसंबर को भारत के दो दिवसीय दौरे पर आए थे। पुतिन अपना दौरा पूर्ण कर 5 दिसंबर की रात 9 बजे रूस के लिए रवाना हुए थे, लेकिन उनके साथ आया प्रतिनिधिमंडल यहां रुक गया था। इस प्रतिनिधिमंडल में वासीली किश्तानोव, प्रो. जॉर्जी, प्रो. तातियाना, प्रो. स्वेतलाना, प्रो. लॉरिसा, प्रो. नतालिया सहित डेढ़ दर्जन लोग शामिल हैं । दल ने प्रो. रमेश प्रसाद के साथ सभी संकायों, कुलपति कार्यालय, पुस्तकालय एवं वेद भवन आदि को देखा। इसके पहले रूस के प्रतिनिधियों का पारम्परिक रूप से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्वागत और अभिनन्दन किया गया। दोनों देशों के बीच भाषाओं का रूपांतरण शास्त्री ईअना चेर्णिया ने किया। इस दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के प्रो. दयाशंकर तिवारी भी मौजूद रहे।----------

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

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