- केंद्रीय गृहमंत्री ने किया आह्वान, समाज, सरकार व स्वयंसेवी संस्थाएं इन्हें आगे बढ़ाने के लिए हाथ आगे बढ़ाए
जोधपुर, 21 सितम्बर (हि.स.)। केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने विकलांगता की जगह दिव्यांगता शब्द मात्र बदल कर समाज व देश के नजरिये को बदल दिया है। अब जरूरत है तो ऐसे दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने की। उन्होंने कहा कि समाज, सरकार और स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए काम करे तो कुछ भी असंभव नहीं है। ऐसे लोग अच्छे उद्यमी, इंजीनियर और डॉक्टर बनकर समाज की सेवा कर सकते हैं। ऐसे लोगों को आगे बढ़ने का मौका देने के लिए हमें हाथ थामने की जरूरत है।
यहां स्व. पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय के नए भवन के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि ईश्वर जब किसी को कुछ नहीं देता है तो उसे जीवन जीने के लिए कुछ विशेष भी जरूर देता है। उसे जो दिव्य चीज मिलती है, उसे पहचान कर दिव्यांगता के साथ व्यक्ति राष्ट्र निर्माण कर सके, ऐसा दायित्व समाज का है। दिव्यांग शब्द से ही आत्मसम्मान और आत्मनिर्भर बनने का स्वप्न प्रधानमंत्री मोदी ने जागृत किया। राजस्थान के खिलाड़ी देवेन्द्र जाझडय़िा, जिसकी मां के गहने बिक जाते हैं, जब वह देश के लिए कीर्तिमान हासिल करता है तो उसे देश का तिरंगा फहराने का फक्र मिलता है। प्रधानमंत्री ने ऐसे दिव्यांगजनों में खेल के कौशल को एक प्लेटफार्म मुहैया करवाया है। परिस्थितियां कितनी बदली है, अंदाजा लगाइये कि पैराओलंपिक खेल 1960 में शुरू हुए और 2012 तक इन खेलों में भारत को मात्र 8 पदक मिले। अब पिछले तीन खेलों में भारत 52 पदक जीत कर खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका दे रहा है। मोदी सरकार ने दिव्यांगजन विभाग के लिए बजट को 338 करोड़ से 1313 करोड़ तक बढ़ा दिया है।
शाह ने सुशीला बोहरा को बहुत बड़ी शख्सियत बताते हुए कहा कि मुझे मालूम नहीं था कि मैं बहुत बड़े पुण्य के कार्य में शामिल होने जा रहा हूं, मुझे यहां बहुत पहले ही आना था। सब ने बताया कि श्रीमती सुशीला बोहरा बहुत बड़ी शिक्षित है जिन्होंने कहीं नेत्रहीन दिव्यांगों के जीवन में रोशनी भरी है और उसने प्रधानमंत्री मोदी के सपने को साकार किया है।
विद्यालय की अध्यक्ष सुशीला बोहरा ने बताया की मात्र दो बच्चों के साथ मंदिर के परिसर से शुरू हुआ यह नेत्रहीन विद्यालय आज बहुत बड़ा वट वृक्ष बन चुका है, जिसकी कई शाखाएं हैं लगभग 5000 से अधिक नेत्रहीन छात्र-छात्राओं ने इससे शिक्षा ग्रहण की है 45 वर्ष के इस लंबे सफर में वह कभी भी अपने पथ से विचलित नहीं हुई और सामाजिक सेवा को सरोकार करते हुए उसने विद्यालय का संचालन किया अब यह महाविद्यालय बन चुका है। मोतीलाल ट्रस्ट की ओर से इस विद्यालय के विशाल भवन के लिए अनुदान मिला है, जिसे उन्होंने आभार व्यक्त किया।
समारोह में उपस्थित मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि यह परियोजना राजस्थान में दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा के अवसरों को और सुदृढ़ करेगी। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सरकार हर वर्ग के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दे रही है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस अवसर पर संस्थान के कार्यों की सराहना की और इसे सामाजिक बदलाव का एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश