ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के फैसले पर इजराइल की तीखी प्रतिक्रिया, फिलिस्तीनी राष्ट्रपति ने किया स्वागत

युगवार्ता    21-Sep-2025
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यरुशलम, 21 सितंबर (हि.स.)। ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा द्वारा फिलिस्तीन को मान्यता देने के ऐतिहासिक फैसले ने इजराइल की राजनीति और कूटनीति में हलचल मचा दी है। इजराइली नेताओं और विदेश मंत्रालय ने इसे “हमास को इनाम” करार दिया है, जबकि फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने इसे स्थायी शांति की दिशा में “आवश्यक कदम” बताया है।

इजराइल का कड़ा विरोध

इजराइल की संसद (कनेसट) के स्पीकर आमिर ओहाना ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीयर स्टार्मर को “आधुनिक युग का तुष्टिकरण करने वाला” कहा। राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन गवीर ने इसे “हत्यारों के लिए इनाम” बताते हुए मांग की कि “जूडिया और सामरिया (पश्चिमी तट)” पर तत्काल संप्रभुता लागू की जाए और फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण को समाप्त कर दिया जाए।

वित्त मंत्री बेजलेल स्मोट्रिच ने कहा कि अब समय आ गया है कि “फिलिस्तीनी राज्य की मूर्खतापूर्ण अवधारणा” को हमेशा के लिए ख़त्म कर दिया जाए।

वामपंथी “डेमोक्रेट्स” पार्टी के नेता यैर गोलन ने इसे प्रधानमंत्री नेतन्याहू और स्मोट्रिच की “कूटनीतिक असफलता” बताया और कहा कि यह इज़राइल की सुरक्षा के लिए हानिकारक है।

विदेश मंत्रालय का बयान

इजराइल के विदेश मंत्रालय ने भी ब्रिटेन के फैसले को “हमास के लिए इनाम” बताते हुए कड़ा विरोध जताया। मंत्रालय ने एक्स पर लिखा- “फिलिस्तीन को मान्यता देना जिहादी हमास के लिए इनाम है। हमास नेताओं ने खुद स्वीकार किया है कि यह मान्यता 07 अक्टूबर के नरसंहार का प्रत्यक्ष परिणाम है। जिहादी विचारधारा को अपनी नीति तय करने न दें।”

बंधक परिवारों की प्रतिक्रिया

“होस्टेज एंड मिसिंग फैमिलीज फोरम” ने भी इस निर्णय की निंदा की और कहा कि दुनिया के कई देश “बिना शर्त” मान्यता देकर उन 48 बंधकों को भूल रहे हैं, जो अभी भी हमास की कैद में हैं।

नेतन्याहू ने फिलिस्तीन को मान्यता देने के ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कनाडा के निर्णय पर सीधे टिप्पणी नहीं की, लेकिन कहा, “हमें संयुक्त राष्ट्र और अन्य मंचों पर झूठे प्रचार और फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना की मांग के खिलाफ लड़ना होगा। यह हमारी सुरक्षा के लिए ख़तरा है और आतंकवाद के लिए बेतुका इनाम।”

फिलिस्तीनी राष्ट्रपति का स्वागत

दूसरी ओर, राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने ब्रिटेन के कदम का स्वागत किया और कहा कि यह “न्यायपूर्ण और स्थायी शांति” की दिशा में आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय दो-राष्ट्र समाधान को व्यवहारिक बनाएगा, जिससे इज़राइल और फ़िलिस्तीन “सुरक्षा, शांति और अच्छे पड़ोसी” की तरह रह सकेंगे।

अब्बास ने तत्काल प्राथमिकताओं में गाजा में युद्धविराम, मानवीय सहायता की आपूर्ति, सभी बंधकों और क़ैदियों की रिहाई तथा गाज़ा से इज़राइल की पूरी वापसी को शामिल किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

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