नई दिल्ली, 21 सितंबर (हि.स.)। ई-गवर्नेंस पर 28वां राष्ट्रीय सम्मेलन 22 से 23 सितंबर तक आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में होगा। दो दिन के इस सम्मेलन का उद्घाटन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह करेंगे। इस बार सम्मेलन का मुख्य विषय “विकसित भारत: सिविल सेवा और डिजिटल परिवर्तन” है।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में राज्य के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण और आईटी एवं मानव संसाधन विकास मंत्री एन. लोकेश भी मौजूद रहेंगे।
सम्मेलन में इस बार 19 उत्कृष्ट पहलों को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार दिए जाएंगे। इनमें 10 स्वर्ण, 6 रजत और 3 जूरी पुरस्कार शामिल हैं। ये पुरस्कार केंद्र और राज्य सरकारों, जिला प्रशासन, ग्राम पंचायतों और शैक्षणिक संस्थानों को मिलेंगे।
दो दिन के कार्यक्रम में छह पूर्ण सत्र और छह ब्रेकआउट सत्र होंगे। इसमें लगभग 70 वक्ता हिस्सा लेंगे, जो ई-गवर्नेंस और डिजिटल परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर विचार साझा करेंगे। चर्चाओं में आईटी हब के रूप में विशाखापत्तनम, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, सेवा वितरण, एग्री स्टैक, पंचायत स्तर के नवाचार और अंतरराष्ट्रीय समुद्री ई-गवर्नेंस जैसे विषय शामिल होंगे।
सम्मेलन के दौरान ई-गवर्नेंस से जुड़ी उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए प्रदर्शनी भी लगेगी। इसमें पिछले वर्षों के पुरस्कार विजेताओं की झलक ‘वॉल ऑफ फेम’ और फोटो गैलरी के जरिए दिखाई जाएगी।
इस मौके पर प्रशासनिक सुधार विभाग के सचिव वी. श्रीनिवास, इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन और आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव के. विजयानंद भी संबोधित करेंगे। सम्मेलन के अंत में ई-गवर्नेंस 2025 पर ‘विशाखापत्तनम घोषणा पत्र’ जारी किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर