नई दिल्ली, 23 सितंबर (हि.स.)। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) में 25 सितंबर से 'नदी उत्सव' का छठवां सत्र शुरू होगा। तीन दिवसीय इस उत्सव का उद्घाटन केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल करेंगे।आईजीएनसीए के जनपद सम्पदा विभाग के अध्यक्ष प्रो. के. अनिल कुमार और नदी उत्सव के संयोजक अभय मिश्र ने मंगलवार को यहां आयोजित संयुक्त पत्रकार वार्ता में इस आयोजन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय उत्सव नदियों के महत्व और संरक्षण पर केंद्रित है। नदियों के सामाजिक और आध्यात्मिक महत्व को लोगों तक पहुंचाने का एक प्रयास है।उन्होंने बताया कि नर्मदालय की संस्थापिका साध्वी विशुद्धानंदा (भारती ठाकुर) और इस्कॉन से जुड़े आध्यात्मिक गुरु गौरांग दास कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि होंगे। इसके अलावा आईजीएनसीए के अध्यक्ष और हिन्दुस्थान समाचार के समूह संपादक रामबहादुर राय उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करेंगे, जबकि इस संस्था के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी स्वागत भाषण देंगे।इस वर्ष का 'नदी उत्सव' विश्व नदी दिवस के संदर्भ में आयोजित हो रहा है। इसका उद्देश्य विभिन्न कला माध्यमों के जरिए नदियों के प्रति जागरूक करना है और उन्हें फिर से नदियों से जोड़ना है। इसमें राष्ट्रीय संगोष्ठी, वृत्तचित्र फिल्मोत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रदर्शनियों के माध्यम से नदियों के विभिन्न आयामों को गहराई से समझने का प्रयास किया जा रहा है।इस साल का विषय 'रिवरस्केप डायनेमिक्स, चेंजेंस एंड कंटिन्युटी' नदियों के बदलते परिदृश्य और उनकी निरंतरता पर केंद्रित है। इस दौरान 300 से अधिक शोध पत्रों में से 45 चुने हुए शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय का अंग्रेजी विभाग सहयोग कर रहा है। वृत्तचित्र फिल्मोत्सव में 'माई रिवर स्टोरी' पर केंद्रित 80 से अधिक प्रविष्टियों में से 36 फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। सर्वश्रेष्ठ तीन फिल्मों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे।समारोह में प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा विभिन्न प्रस्तुतियां दी जाएंगी, जिनमें गुरु सुधा रघुरामन का शास्त्रीय गायन, कपिल पांडे की 'गंगास कर्स' (कहानी), हिमांशु वाजपेयी और प्रज्ञा की 'गंगा गाथा' (दास्तानगोई) और सौरव मोनी व टीम के बंगाल के नदी गीत शामिल हैं। इनका पूरक नदी अनुभव प्रदर्शनी होगी, जो 25 से 30 सितंबर 2025 तक दर्शनम गैलरी में आयोजित की जाएगी। इन प्रदर्शनी में समकालीन कला, छायाचित्र, कालीघाट पेंटिंग और नदी की कविताओं को प्रदर्शित किया जाएगा और बच्चों द्वारा बनाई गई कालीघाट पेंटिंग के क्यूरेटर अनुज अग्रवाल होंगे।नदी उत्सव का पहला संस्करण 2021 में 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य नदियों के प्रति जागरुकता बढ़ाने और उन्हें प्रदूषण से मुक्त करने पर था। पिछले पांच संस्करणों में यह उत्सव देशभर में एक बड़े मंच के रूप में उभरा है, जिसमें विभिन्न कला माध्यमों जैसे संगीत, नृत्य, साहित्य, चित्रकला और फिल्म को शामिल किया गया है। हर संस्करण में नदियों के विभिन्न पहलुओं जैसे कि उनके किनारे की लोककला, नदियां और उनका इतिहास तथा नदियों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह तीन दिवसीय आयोजन 27 सितंबर तक चलेगा।-------------
हिन्दुस्थान समाचार / श्रद्धा द्विवेदी