टोक्यो (जापान), 25 सितंबर (हि.स.)। जापान-अफ्रीका होमटाउन परियोजना के देशव्यापी विरोध के बीच जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) ने इसे रद्द करने का फैसला किया है। इसकी औपचारिक घोषणा आज होने की उम्मीद है। इस परियोजना की घोषणा
अगस्त में की गई थी। विदेश मंत्रालय से जुड़ी इस परियोजना का उद्देश्य चार जापानी शहरों और अफ्रीकी देशों के बीच आवासीय आदान-प्रदान को बढ़ावा देना था।
जापान के अखबार द असाही शिंबुन की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों का कहना है कि इस परियोजना को गलती से अफ्रीका से आप्रवासन को बढ़ावा देने की नीति मान लिया गया। इसके कारण जापान में तीखी प्रतिक्रिया हुई और इसे रद्द करने की मांग की गई। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, परियोजना अच्छी है। हालांकि हम इसे वापस ले रहे हैं, फिर भी हम अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान को और अधिक सक्रियता से बढ़ावा देते रहेंगे।
इस परियोजना के तहत नाइजीरिया के साथ चिबा प्रांत में किसाराज़ू, तंजानिया के साथ यामागाटा प्रांत में नागाई, घाना के साथ निगाटा प्रांत में संजो और मोज़ाम्बिक के साथ एहिमे प्रांत में इमाबारी में काम होना था। परियोजना को लेकर हंगामा तब और बढ़ गया जब नाइजीरियाई राष्ट्रपति कार्यालय ने एक गलत बयान जारी कर दावा किया कि जापान सरकार ने किसाराज़ू को यहां रहने और काम करने के इच्छुक नाइजीरियाई लोगों का गृहनगर बताया है और जापान एक विशेष वीजा श्रेणी बनाएगा।
जापान की नगरपालिकाओं में इस परियोजना के विरोध के फोन कॉल और ई-मेल की बाढ़ आ गई। प्रदर्शनकारियों ने जेआईसीए को ही खतम करने की भी मांग कर डाली। केंद्र और स्थानीय सरकारों के बार-बार इस बात से इनकार करने के बावजूद कि यह परियोजना आव्रजन से संबंधित है, विरोध जारी रहा। इस बीच कुछ कुछ शहरी निकाय भी प्रदर्शनकारियों के साथ हो लिए। तब एजेंसी और मंत्रालय ने स्थिति की समीक्षा की और निष्कर्ष निकाला कि यह पहल स्थानीय सरकारों पर अत्यधिक बोझ डालने वाली है।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने परियोजना को वापस लेने के निर्णय पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, अगर इसे इंटरनेट पर एक जीत के रूप में देखा गया तो यह समस्याग्रस्त होगा।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद