मुंबई, 25 सितंबर (हि.स.)। देश में पहली बार स्वैपेबल बैटरी वाले इलेक्ट्रिक हैवी ट्रकों की फ्लीट सोमवार को जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) से शुरू की गई।
केंद्रीय पोत, जलमार्ग और शिपिंग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इन 50 ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके साथ ही हैवी ड्यूटी बैटरी स्वैपिंग स्टेशन का भी उद्घाटन किया गया। जेएनपीए ने लक्ष्य रखा है कि 2026 तक अपने 600 ट्रकों में से 90 प्रतिशत को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जाएगा।
इस अवसर पर जेएनपीए और अशोका यूनिवर्सिटी के आइजैक सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। इस समझौते के तहत बंदरगाह प्राधिकरणों के लिए टैरिफ निर्धारण का मानक ढांचा तैयार किया जाएगा। इसमें विभिन्न कार्गो व वस्तुओं की लागत और पोर्ट बेंचमार्किंग को आधार बनाया जाएगा।
सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि जेएनपीए का यह कदम भारतीय बंदरगाहों की भविष्य के लिए तैयारी का प्रतीक है। देश के पोर्ट्स तेजी से सौर और पवन ऊर्जा, एलएनजी और हाइड्रोजन ईंधन अवसंरचना और कार्गो हैंडलिंग उपकरणों के विद्युतीकरण को अपना रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय समुद्री क्षेत्र वैश्विक स्तर पर स्थिरता और दक्षता के नए मानक स्थापित कर रहा है।
जेएनपीए अध्यक्ष और वीपीपीएल सीएमडी उमेश शरद वाघ ने कहा कि नई ईवी फ्लीट महज लॉजिस्टिक ढांचे को मजबूत करने का कदम नहीं है, बल्कि यह हरित और स्थायी संचालन की दिशा में बड़ी छलांग है। भारत के सबसे बड़े कंटेनर पोर्ट के रूप में जेएनपीए की जिम्मेदारी है कि वह आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाए।
उल्लेखनीय है कि जेएनपीए देश के कुल कंटेनर व्यापार का लगभग आधा हिस्सा संभालता है। यह कदम राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान को बल देगा, बंदरगाह क्षेत्र के कार्बन उत्सर्जन को घटाएगा और भारत के 2070 तक नेट जीरो लक्ष्य को हासिल करने में योगदान करेगा।
आज शुरू हुए 50 ईवी ट्रकों की संख्या दिसंबर तक 80 तक पहुंच जाएगी।
इस मौके पर मंत्रालय के संयुक्त सचिव आर लक्ष्मणन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर