काठमांडू, 26 सितंबर (हि.स.)। नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, शेर बहादुर देउवा, उनकी पत्नी डॉ. आरजू राणा सहित कई पूर्व मंत्रियों का पासपोर्ट तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्य सचिव एकनारायण अर्याल के तरफ से शुक्रवार को विदेश मंत्रालय को पत्र भेज कर ओली, देउवा सहित एक दर्जन नेताओं का पासपोर्ट निलंबित करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा विघटित प्रतिनिधि सभा के सभी सांसदों के डिप्लोमेटिक पासपोर्ट सस्पेंड करने का भी निर्देश दिया गया है।
विदेश मंत्रालय के सचिव अमृत राई ने आज सुबह इस बात को स्वीकार किया कि नेताओं के पासपोर्ट को लेकर उनके पास मुख्य सचिव का निर्देश आया है। हालांकि उन्होंने नेताओं का नाम बताने से इनकार कर दिया।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक विघटित प्रतिनिधि सभा के सभी सदस्य, सभी राजनीतिक दल के शीर्ष नेताओं का पासपोर्ट निलंबित करने का निर्देश मिला है। विदेश मंत्रालय ने इस निर्देश के बाद इसकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की जानकारी दी है।
मुख्य सचिव की तरफ से गृह मंत्रालय के मार्फत इमिग्रेशन विभाग को सभी पूर्व प्रधानमंत्री, ओली सरकार के सभी मंत्री, राजनीतिक दल के सभी शीर्ष नेताओं को उच्च निगरानी में रखने और उनके द्वारा बिना सरकार की अनुमति या एनओसी के विदेश यात्रा नहीं करने देने का निर्देश दिया गया है।
नेपाल पुलिस, सशस्त्र प्रहरी बल और राष्ट्रीय अनुसंधान विभाग को गृह मंत्रालय के मार्फत सीमावर्ती जिलों में रहने वाले सभी नेता, सांसद, निवर्तमान मंत्रियों पर निगरानी रखने और सड़क के माध्यम से सीमा पार करने की आशंका को लेकर सतर्कता बरतने और ऐसी किसी जानकारी की सूचना तत्काल हेडक्वार्टर में देने का निर्देश दिया गया है।
कैबिनेट बैठक के बाद नेपाल के एंटी करप्शन ब्यूरो, अख्तियार दुरुपयोग अनुसंधान आयोग और केंद्रीय अनुसंधान ब्यूरो को अलग-अलग पत्र भेज कर अब तक जांच की जा रही सभी हाई प्रोफाइल केस की स्टेटस रिपोर्ट दो दिनों के भीतर प्रधानमंत्री तथा मंत्रि परिषद के कार्यालय में देने का निर्देश दिया गया है।
साथ ही सभी हाई प्रोफाइल केस में जो भी बयान रुका है, उसमें संलग्न नेताओं और अधिकारियों को बुला कर तुरंत बयान लेने, जिस केस में बयान हो चुका है उसकी चार्जशीट तैयार करते हुए विशेष अदालत में दाखिल करने की तैयारी करने का निर्देश दिया गया है।
इस बात का संकेत बीते दिन कैबिनेट बैठक के बाद गृहमंत्री ओम प्रकाश अर्याल और सूचना संचार मंत्री जगदीश खरेल ने पत्रकारों को प्रतिक्रिया देते हुए दिया था। गृहमंत्री अर्याल ने कहा कि पासपोर्ट सस्पेंड करने से लेकर भ्रष्टाचार में संलग्न नेताओं को जेल तक भेजने की तैयारी है।
गृहमंत्री ओमप्रकाश अर्याल ने बताया कि अख्तियार और सीआईबी को यह पूरी छूट दी गई है कि अगर उन्हें किसी मामले में कोई गिरफ्तारी करनी हो चाहे कितना भी बड़ा व्यक्ति हो बिना, किसी को जानकारी दिए उसे गिरफ्तार करना है। ऐसे मामलों में जो बयान नहीं देने के लिए आता है उसे भी गिरफ्तार करना है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास