अंतरराष्ट्रीय बाघ तस्कर ढरके लामा के विरूद्ध इंटरपोल ने जारी किया रेड कार्नर नोटिस

युगवार्ता    27-Sep-2025
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प्रतीकात्मक तस्वीर


भोपाल, 27 सितम्बर (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय बाघ तस्कर ढरके लामा के विरूद्ध इंटरपोल, मुख्यालय फ्रांस ने रेड कार्नर नोटिस जारी किया है। यह जानकारी मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुभरंजन सेन ने शनिवार को दी।

मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम् जिले में स्थित सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर) में 2015 में बाघ का शिकार कर उसकी हड्डियों को चीन में बेचने वाले अंतरराष्ट्रीय बाघ तस्कर विदेशी नागरिक ढरके लामा उर्फ टरके लामा निवासी हुमला, नेपाल की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल मुख्यालय फ्रांस ने रेड कार्नर नोटिस जारी किया है। मध्य प्रदेश स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स देश-विदेश की कानून प्रवर्ततन संस्था इंटरपोल से समन्वय स्थापित कर उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुभरंजन सेन ने आज बताया कि उक्त आरोपित विगत 10 वर्षों से फरार है, जिसके विरूद्ध सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, नर्मदापुरम में बाघ के अवैध शिकार और बाघ की हड्डियों की चीन में अवैध तस्करी संबंधी प्रकरण 13 जुलाई 2015 दर्ज किया गया था। प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) को विवेचना के लिये हस्तांतरित किया गया था। एसटीएसएफ ने उक्त प्रकरण में कार्यवाही करते हुए संगठित गिरोह के कुल 30 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। प्रकरण की विस्तृत सुनवाई के बाद दिसंबर-2022 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नर्मदापुरम (होशंगाबाद) ने 29 आरोपितों को दोषी ठहराया और उन्हें 5-5 वर्ष के कठोर कारावास एवं कुल 7.10 लाख अर्थदण्ड से दण्डित करने की सजा सुनाई।

उन्होंने बताया कि प्रकरण में अंतरराष्ट्रीय बाघ तस्कर ताशी शेरपा को नौ वर्ष उपरांत, विगत वर्ष 24 जनवरी 2024 को भारत एवं नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास, सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) से गिरफ्तार किया गया। प्रकरण की सटीक विवेचना एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर 9 मई 2025 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नर्मदापुरम ने ताशी शेरपा को पांच वर्ष के कठोर कारावास और अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। यह मामला एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि यह देश का पहला मामला है, जिसमें शिकारियों, कूरियर, बिचौलिये और तस्करों सहित 28 व्यक्तियों के पूरे गिरोह को गिरफ्तार किया गया और दोषी ठहराया गया। एसटीएसएफ ने प्रकरण में वैज्ञानिक विवेचना करते हुए आरोपितों के ब्रेन मैपिंग और नार्को एनालिसिस परीक्षण करवाए, जिससे उसके खिलाफ महत्वपूर्ण सबूत मिले। इसके अतिरिक्त, सायबर डेटा भी एकत्र कर न्यायालय में महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में पेश किया। जांच के दौरान, एसटीएसएफ ने इंटरपोल, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों से सहायता भी प्राप्त की।

इंटरपोल, जिसे आधिकारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (ICPO-Interpol) कहा जाता है। इसका मुख्यालय ल्योन फ्रांस में है। यह एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो 195 से अधिक देशों ने मिलकर बनाया है। यह दुनिया भर में पुलिस एवं अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सहयोग और अपराध नियंत्रण की सुविधा प्रदान करता है। इंटरपोल द्वारा 04 बार एसटीएसएफ के कार्यों की सराहना की जा चुकी है।__________

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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