इंदौर के आईआईटी केन्द्र के विस्तार की प्रधानमंत्री ने रखी आधारशिला

युगवार्ता    27-Sep-2025
Total Views |
सीएम मोहन यादव (फाइल फोटो)


आईआईटी इंदौर में क्षमता विस्तार शिलान्यास समारोह


- मुख्यमंत्री डॉ यादव ने इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री मोदी का माना आभार

भोपाल, 27 सितम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को ओडिशा से वर्चुअली इंदौर सहित देश के आठ आई.आई.टी. केंद्रों के विस्तार की आधारशिला रखी। इनमें मध्य प्रदेश के इंदौर का आईआईटी भी शामिल है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आई.आई.टी. केन्द्र, इंदौर के प्रतीक्षित विस्तार की अमूल्य सौगात देने के लिए प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी का आत्मीय आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शनिवार को सोशल मीडिया एक्स पर कहा है कि यह हमारे लिए बेहद आनंद का विषय है कि अब आई.आई.टी. इंदौर में हमारे बेटे-बेटियों को प्रगति की उड़ान भरने के लिए एक नया आकाश मिलेगा और मध्य प्रदेश में नवाचारों का इकोसिस्‍टम भी मजबूत होगा। इससे अनुसंधान एवं विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

आईआईटी इंदौर में क्षमता विस्तार शिलान्यास समारोह मंत्री सिलावट हुए शामिल

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर (आईआईटी इंदौर) ने क्षमता विस्तार योजना के अंतर्गत अपनी प्रमुख आधारभूत संरचना परियोजना के शिलान्यास समारोह शनिवार को आईआईटी इंदौर के नालंदा सभागार में आयोजित किया गया और सेवा पखवाड़ा अभियान के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओडिशा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ओडिशा के राज्यपाल एवं ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहनचरण मांझी की गरिमामयी उपस्थिति में वर्चुअल माध्यम से इसकी आधारशिला रखी। इस अविस्मरणीय अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से मध्य प्रदेश राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए मध्य प्रदेश सरकार के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट आईआईटी इंदौर में आयोजित समारोह में शामिल हुए।

उच्चतर शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी (HEFA) के माध्यम से स्वीकृत तृतीय चरण के आधारभूत संरचना विकास के अंतर्गत 624.57 करोड़ रुपये की इस विस्तार परियोजना में अत्याधुनिक शैक्षणिक भवनों, आवासीय सुविधाओं और सामान्य एवं उपयोगिता सेवाओं के निर्माण के साथ-साथ उन्नत उपकरणों की खरीद भी शामिल है। प्रमुख परियोजनाओं में शैक्षणिक पॉड, व्याख्यान कक्ष परिसर, औद्योगिक अनुसंधान पार्क, डिजाइन विभाग, आवासीय परिसर, छात्र गतिविधि केंद्र और आगंतुक छात्रावास शामिल हैं।

इस अवसर पर विचार साझा करते हुए आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास जोशी ने कहा कि यह शिलान्यास समारोह आईआईटी इंदौर के विकास के एक नए युग का प्रतीक है। आगामी आधारभूत संरचना न केवल हमारे शैक्षणिक और अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगी, बल्कि हमारे छात्रों और शिक्षकों के नवाचार, सहयोग और समग्र विकास के लिए एक विश्व स्तरीय परिवेश भी तैयार करेगी। भारत सरकार और मध्य प्रदेश राज्य के सहयोग से आईआईटी इंदौर आत्मनिर्भर भारत में योगदान देने और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक वैश्विक अग्रणी के रूप में उभरने के लिए प्रतिबद्ध है।

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि यह मध्य प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि आईआईटी इंदौर ऐसी दूरदर्शी परियोजनाओं के साथ अपनी क्षमता का विस्तार कर रहा है। नई आधारभूत संरचना छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए बेहतर अवसर प्रदान करेगी और साथ ही राज्य के समग्र विकास में योगदान देगी।

उन्होंने कहा कि मैं मध्य प्रदेश राज्य में बहने वाली नर्मदा बेसिन की 1000 किलोमीटर से अधिक लंबाई के मानचित्रण और परिसर में जल संरक्षण के लिए आईआईटी इंदौर के प्रयासों की भी सराहना करता हूँ, जिससे आसपास के क्षेत्र में भू-जल स्तर में वृद्धि हुई है। साथ ही आगामी सिंहस्थ महापर्व 2028 को दृष्टिगत रखते हुए कान्ह और गंभीर नदी के पुनरुद्धार के लिए भी कार्य कर रही है। जिससे श्रद्धालुओं को क्षिप्रा नदी का स्वच्छ एवं निर्मल जल प्राप्त हो सके। आईआईटी इंदौर ने नई शिक्षा नीति 2020 की भावना के अनुरूप शिक्षण और सीखने को नया रूप दिया है और अनुसंधान के बहु-विषयक क्षेत्रों में नए पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। मध्य प्रदेश सरकार उत्कृष्टता की ओर आईआईटी इंदौर की यात्रा में पूर्ण समर्थन के लिए तैयार है। आज दुनिया के सामने 'जल-संकट, पर्यावरण प्रदूषण और सतत विकास' जैसी चुनौतियाँ हैं। भारत जैसे देश में जहाँ गाँव-गाँव तक जल पहुँचाना, नदियों को स्वच्छ रखना और कृषि को समृद्ध बनाना हमारी प्राथमिकता है, वहाँ आप जैसे तकनीकी विशेषज्ञों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि आईआईटी इंदौर ने अपने परिसर में वर्षा जल संचयन, वन्य जीवन को बचाने और जैव विविधता में सुधार के लिए 09 जल संरक्षण इकाई विकसित की हैं। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मध्य प्रदेश सरकार ने जल प्रबंधन, नहर प्रणाली, और ग्रामीण क्षेत्रों तक शुद्ध पेयजल पहुँचाने के कई प्रयास किए हैं। इन प्रयासों को अधिक सफल बनाने के लिए हमें नई तकनीक और नवाचार की आवश्यकता है। मैं आईआईटी इंदौर के विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं से आह्वान करता हूँ कि आप टिकाऊ और व्यवहारिक समाधान विकसित करें। चाहे वह जल संरक्षण के उपकरण हों, स्मार्ट सेंसर हों, या पर्यावरण के अनुकूल नई तकनीक।

मंत्री सिलावट ने कहा कि आपकी ऊर्जा, आपका ज्ञान और आपका नवाचार ही भारत को आत्मनिर्भर और विश्वगुरु बनाएगा। मैं विश्वास दिलाता हूँ कि राज्य सरकार, आपके हर उपयोगी शोध और सुझाव को समाज तक पहुँचाने के लिए आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी। मैं यही कहना चाहूँगा कि ’‘युवाओं की शक्ति ही राष्ट्र की शक्ति है। आपका हर सपना, भारत के विकास का सपना है। आइए, हम सब मिलकर एक ऐसा भारत बनाएँ, जो ज्ञान, विज्ञान और संस्कृति के साथ-साथ प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा में भी विश्व के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करें।

कार्यक्रम में आईआईटी इंदौर के डायरेक्टर प्रो. सुहास जोशी, डीन प्रो. पंकज सकदेव, रजिस्ट्रार श्री शिवाप्रसाद होता तथा संकाय सदस्यों, छात्रों, कर्मचारियों और उनके परिवारजनों ने भाग लिया, जिन्होंने प्रधानमंत्री के संबोधन और आधारशिला के अनावरण का सीधा प्रसारण देखा। कार्यक्रम के पश्चात मंत्री सिलावट द्वारा परिसर में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत समस्त स्टाफ के साथ पौधारोपण भी किया गया।

--------------------

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

Tags