काठमांडू, 28 सितंबर (हि.स.)। पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने रविवार को एक संदेश जारी करके देश की वर्तमान विकट परिस्थिति का सामना करने के लिए सभी पक्षों से एकजुट होने का आह्वान किया है। साथ ही कहा कि उन्होंने इस साल के नवरात्रि में टीका के अवसर पर समारोह नहीं करने का फैसला लिया है।
अपने बयान में पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह ने कहा कि यह त्योहार केवल परिवार के भीतर और सांस्कृतिक तरीके से मनाया जाएगा, क्योंकि राष्ट्र वर्तमान में अत्यधिक तबाही और शोक की स्थिति में है। उन्होंने कहा है कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष पर्व त्यौहारों का मौसम उल्लास नहीं है, क्योंकि देश ने दर्जनों सपूतों को खो दिया है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि नेपाल हमेशा एक स्वतंत्र और स्वाभिमानी राष्ट्र के रूप में खड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी निर्भरता या भू-राजनीतिक चक्र में फंसे बिना अपना रास्ता तय करने की क्षमता के साथ एक एकीकृत नेपाल का पुनर्निर्माण करना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य प्रणाली में समय पर सुधार करके और गतिशील प्रबंधन प्रथाओं को अपनाकर आगे बढ़ना आवश्यक है। अपने संदेश में देश के समग्र विकास पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि नेपाल को वैश्विक रुझानों के अनुरूप राष्ट्रीय समाज की बदलती संरचना को स्वीकार करना चाहिए। उनके संदेश में कहा गया कि युग और समय के अनुसार इस तरह के सभी प्रयास करते समय हमें अपनी पहचान और मूल्यों का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी हमारे भविष्य की नींव है। केवल उनमें निहित देशभक्ति की भावना, ऊर्जा और नवीन सोच ही राष्ट्र को शक्ति, समृद्धि और आत्मनिर्भरता की दिशा में ले जा सकती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास