वाशिंगटन, 29 सितंबर (हि.स.)। अमेरिका के मिशिगन में चर्च में घुसकर की गई गोलीबारी में तीन और लोगों के दम तोड़ देने से मृतकों की संख्या बढ़कर पांच हो गई। मृतकों में संदिग्ध हथियारबंद व्यक्ति भी शामिल है। गोलीबारी के बाद हथियारबंद व्यक्ति ने कथित रूप से चर्च में आग लगा दी। इस घटना में हताहतों की संख्या बढ़ सकती है। खूनखराबा और आग की लपटों से प्रभावित लोगों की संख्या आठ बताई जा रही है। इन सभी की हालत गंभीर है। कई लोग लापता हैं। कानून प्रवर्तन एजेंसियां लापता लोगों की तलाश कर रही हैं।
एनबीसी न्यूज के अनुसार, अधिकारियों ने मिशिगन के ग्रैंड ब्लैंक टाउनशिप स्थित चर्च ऑफ जीसस क्राइस्ट ऑफ लैटर-डे सेंट्स में की गई गोलीबारी के संदिग्ध की पहचान आज सुबह 40 वर्षीय थॉमस जैकब सैनफोर्ड के रूप में की है। उसे अधिकारियों ने मार गिराया है। पुलिस ने बताया कि वह गाड़ी से चर्च पहुंचा और रविवार की प्रार्थना सभा में शामिल लोगों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। हमलावर ने असॉल्ट राइफल का इस्तेमाल किया।
अधिकारियों ने बताया कि संदिग्ध थॉमस ने चर्च में जानबूझकर आग लगा दी। फिलहाल आग बुझा दी गई है। वरिष्ठ अमेरिकी कानून प्रवर्तन अधिकारियों के अनुसार, घटनास्थल से आग लगाने में प्रयुक्त किए गए कम से कम तीन उपकरण मिले हैं। आरोपित 40 वर्षीय थॉमस सैन्य पृष्ठभूमि से है। स्थानीय थॉमस जैकब बर्टन का रहने वाला है। बर्टन ग्रैंड ब्लैंक टाउनशिप से लगभग 6 मील दूर है। दोनों ही फ्लिंट के उपनगर हैं।
इस संबंध में अल्कोहल, तंबाकू, आग्नेयास्त्र और विस्फोटक ब्यूरो के डेट्रॉइट फील्ड डिवीजन के प्रभारी विशेष एजेंट जेम्स डेयर ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपित ने आग लगाने के लिए किसी एक्सीलेरेंट पदार्थ का इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि इस भीषण कांड में दो की मौत गोली लगने और दो की मौत आग की लपटों में झुलसने से हुई। पुलिस ने बताया कि अधिकारियों ने घटना के बाद चर्च के पीछे एक पार्किंग स्थल में छुपे संदिग्ध सैनफोर्ड को मार गिराया।
ब्यूरो के डेट्रॉइट क्षेत्रीय कार्यालय के प्रभारी एफबीआई के विशेष एजेंट रूबेन कोलमैन ने कहा कि हमले के पीछे के मकसद की तलाश की जा रही है। जांच का जिम्मा अब एफबीआई अधिकारियों ने संभाल लिया है। मरीन रिकॉर्ड्स के अनुसार, संदिग्ध आरोपित सैनफोर्ड 2004 में मरीन कॉर्प्स में शामिल हुए थे। उन्होंने ऑटोमोटिव मैकेनिक और वाहन रिकवरी ऑपरेटर के पद पर काम किया।
रिकॉर्ड्स के अनुसार, संदिग्ध सैनफोर्ड ने सार्जेंट का पद संभालने के बाद जून 2008 में मरीन छोड़ने से पहले उत्तरी कैरोलिना के कैंप लेज्यून में अपनी अंतिम ड्यूटी की। रिकॉर्ड के अनुसार उन्हें मरीन कॉर्प्स गुड कंडक्ट मेडल, सी सर्विस डिप्लॉयमेंट रिबन, इराक कैंपेन मेडल, ग्लोबल वॉर ऑन टेररिज्म सर्विस मेडल और नेशनल डिफेंस सर्विस मेडल से सम्मानित किया गया। संदिग्ध के दादा नौसेना और उनके चाचा मरीन में सेवारत रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद