अटलांटा इलेक्ट्रिकल्स की स्टॉक मार्केट में जोरदार एंट्री, पहले दिन ही मुनाफे में आईपीओ निवेशक

युगवार्ता    29-Sep-2025
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अटलांटा इलेक्ट्रिकल्स की मजबूत लिस्टिंग से मुनाफे में आईपीओ निवेशक


नई दिल्ली, 29 सितंबर (हि.स.)। इलेक्ट्रिकल ट्रांसफॉर्मर बनाने वाली कंपनी अटलांटा इलेक्ट्रिकल्स के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में जोरदार एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को खुश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 754 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई पर इसकी लिस्टिंग 13.8 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 858.10 रुपये के स्तर पर और एनएसई पर 13.6 प्रतिशत बढ़त के साथ 857 रुपये के स्तर पर हुई। हालांकि लिस्टिंग के बाद खरीदारी के सपोर्ट से कंपनी के शेयर 865 रुपये के स्तर तक पहुंचे, वहीं बिकवाली का दबाव पर ये शेयर 806.25 रुपये के स्तर तक गिर भी गए। सुबह 11:30 बजे तक कारोबार होने के बाद अटलांटा इलेक्ट्रिकल्स के शेयर 830.55 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे। इस तरह से अभी तक के कारोबार में कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 10.15 प्रतिशत का मुनाफा हो चुका है।

अटलांटा इलेक्ट्रिकल्स का 687.34 करोड़ रुपये का आईपीओ 22 से 22 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 72.16 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 194.77 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 55.82 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 10.76 गुना और एंप्लॉयीज के लिए रिजर्व पोर्शन 3.47 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 400 करोड़ रुपये के 53 लाख नए शेयर जारी किए गए हैं। इसके अलावा 38 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे गए हैं। आईपीओ में नए शेयरों की बिक्री के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपने पुराने कर्जों के बोझ को कम करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत में उतार चढ़ाव होता रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 87.54 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में घट कर 63.36 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2024-25 में इसमें बढ़ोतरी हुई और ये उछल कर 118.65 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 43 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 1,250.49 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी पर कर्ज के बोझ में भी उतार चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 73.09 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में घट कर 48.60 करोड़ रुपये हो गया। वहीं वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज उछल कर 141.03 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

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