नई दिल्ली, 30 सितंबर (हि.स)। केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष 2025-26 के पहले पांच महीने में अप्रैल से अगस्त के अंत तक बजट अनुमान के 38.1 फीसदी पर पहुंच गया है।
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के जारी आंकड़ों में बताया कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 में अप्रैल से अगस्त के दौरान कुल प्राप्तियां 12,82,709 करोड़ रुपये (बजट अनुमान का 36.7 फीसदी) रही, जबकि कुल व्यय 18,80,862 करोड़ रुपये (बजट अनुमान का 37.1 फीसदी) है। इस प्रकार राकोषीय घाटा 5,98,153 करोड़ रुपये रहा। ये बजट अनुमान का 38.12 फीसदी है, जबकि जुलाई तक यह बजट अनुमान का 29.85 फीसदी पर था।
सीजीए के जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष 2024-25 के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान (बीई) का 27 फीसदी था। केंद्र सरकार का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.4 फीसदी यानी 15.69 लाख करोड़ रुपये होगा। आंकड़ों से पता चला है कि सरकार को अगस्त 2025 तक 12.82 लाख करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में अनुमानित कुल प्राप्तियों का 36.7 फीसदी) प्राप्त हुए।
केंद्र सरकार द्वारा अगस्त तक केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में राज्य सरकारों को 5.3 लाख करोड़ रुपये अंतरित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 74,431 करोड़ रुपये अधिक है। केंद्र का कुल व्यय 18.8 लाख करोड़ रुपये (2025-26 के बजट अनुमान का 37.1 फीसदी) था। इसमें से 14.49 लाख करोड़ रुपये राजस्व खाते में और 4.31 लाख करोड़ रुपये पूंजी खाते में व्यय हुए। इस तरह कुल राजस्व व्यय में से 5,28,668 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान मद में और 1,50,377 करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडी मद में खर्च हुए।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर