सरकार ने पीपीएफ समेत लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में नहीं किया बदलाव

युगवार्ता    30-Sep-2025
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वित्‍त मंत्रालय के लोगो का प्रतीकात्‍मक चित्र


नई दिल्‍ली, 30 सितंबर (हि.स)। केंद्र सरकार ने एक अक्टूबर से शुरू होने वाली तीसरी तिमाही के लिए पीपीएफ और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र सहित विभिन्न लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। यह लगातार सातवीं तिमाही है, जब लघु बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों को यथावत रखा गया है।

वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को एक अधिसूचना में कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही (1 अक्टूबर से 31 दिसंबर) के लिए विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें दूसरी तिमाही के लिए अधिसूचित दरों पर बनी रहेंगी। अधिसूचना के मुताबिक सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जमा पर 8.2 फीसदी की ब्याज दर मिलेगी, जबकि तीन साल की सावधि जमा पर ब्याज दर चालू तिमाही में मौजूदा 7.1 फीसदी पर बरकरार रहेगा। नौकरीपेशा में लोकप्रिय लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और डाकघर बचत जमा योजनाओं की ब्याज दरें भी क्रमशः 7.1 फीसदी और चार फीसदी पर बरकरार रहेगी।

मंत्रालय के मुताबिक किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 7.5 फीसदी होगी और निवेश 115 महीनों में परिपक्व होगा। राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) पर ब्याज की दर अक्टूबर-दिसंबर की अवधि के लिए 7.7 फीसदी पर बनी रहेगी। जुलाई-सितंबर तिमाही की तरह चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान भी मासिक आय योजना में निवेश पर 7.4 फीसदी ब्याज मिलेगा। इसके साथ ही मुख्य रूप से डाकघरों और बैंकों के द्वारा संचालित लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को लगातार सातवीं तिमाही में अपरिवर्तित रखा गया है। सरकार ने पिछली बार वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के लिए कुछ योजनाओं के ब्याज में बदलाव किए थे। भारत सरकार हर तिमाही लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों की अधिसूचना जारी करती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

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